चंडीगढ़, 28 अगस्त (एजेंसी)
पंजाब विधानसभा ने जून में अधिसूचित 3 कृषि विपणन अध्यादेशों और ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ाने के प्रस्तावित विधेयक के खिलाफ शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से इन्हें वापस लेने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने प्रस्ताव पेश करते हुए दावा किया कि ये अध्यादेश पंजाब के किसानों को ‘आर्थिक बर्बादी’ की ओर ले जाएंगे, विशेषकर उन 70 प्रतिशत किसानों को, जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन है। उन्होंने केंद्र के इन अध्यादेशों का असर सतलुज-यमुना लिंक नहर परियोजना पर पड़ने की भी संभावना जतायी, जिसका विरोध उनकी कांग्रेस सरकार कर रही है।
सिंह ने खालिस्तानी आतंकवाद की ओर इशारा करते हुए कहा कि राज्य में 1980 जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। कोविड-19 के चलते लागू कड़ी पाबंदियों के बीच यहां विधानसभा के एक दिवसीय सत्र के दौरान तीनों अध्यादेशों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी और लोक इंसाफ पार्टी के विधायकों ने भी अध्यादेशों के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव का समर्थन किया।
तरनतारन में होगी विधि विवि की स्थापना
शुक्रवार को पंजाब विधानसभा के सत्र के दौरान 7 विधेयक पारित हुए। इस संक्षिप्त सत्र में सदन ने गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के उपलक्ष्य में तरनतारन जिले में श्री गुरु तेग बहादुर विधि विवि की स्थापना के लिए भी विधेयक पारित किया। विधानसभा ने पंजाब वस्तु एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2020 और पंजाब सदाचरण कैदी (अस्थायी रिहाई) संशोधन विधेयक, 2020 को भी मंजूरी दी। सत्र के दौरान अनुबंध श्रमिक (विनियमन एवं उन्मूलन) (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2020 के साथ ही औद्योगिक विवाद (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2020 को पारित किया गया।