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प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

विकास कौशल/निस बठिंडा, 5 अप्रैल बठिंडा के आदर्श स्कूल चाओके का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज सुबह बठिंडा पुलिस ने गांव चाओके स्थित आदर्श स्कूल पर तालाबंदी कर प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई...
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विकास कौशल/निस

बठिंडा, 5 अप्रैल

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बठिंडा के आदर्श स्कूल चाओके का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज सुबह बठिंडा पुलिस ने गांव चाओके स्थित आदर्श स्कूल पर तालाबंदी कर प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आदर्श स्कूल में दो माह से लगे ताले को तोड़ दिया। बठिंडा-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शिक्षक और किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें भगाने के लिए बलपूर्वक हटाना शुरू कर दिया और पुलिस बल का प्रयोग किया। सूत्रों के अनुसार इस मौके पर पुलिस ने करीब एक दर्जन लोगों को नंदगढ़ और गिल कलां गांव थाने में 13 अध्यापक और बीकेयू के 27 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। पुलिस कार्रवाई के बाद भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां और अध्यापकों ने विरोध स्वरूप रामपुरा फूल में सदर थाने के सामने धरना शुरू कर दिया है।

इस बीच किसान नेता जसवीर सिंह ने कहा कि पुलिस ने गांव गिल कलां के पास महिला किसान नेता परमजीत कौर पिथो और हरिंदर बिंदु को थप्पड़ मारे और जमीन पर घसीटा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारीर्यों के मोबाइल, पर्स और गाड़ियां जब्त कर लीं।

यह है पूरा मामला

सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) नीति के तहत चल रहे इस स्कूल ने कथित तौर पर 4 से 6 महीने तक वेतन रोक रखा है, जिस पर चिंता जताने वाले शिक्षकों को कथित तौर पर बर्खास्त कर दिया गया था। यह विरोध प्रदर्शन 70 दिनों से अधिक समय से चल रहा था, जिसे पिछले दिन पुलिस बल द्वारा तोड़ दिया गया, बर्खास्त शिक्षकों को हिरासत में ले लिया गया और मामला दर्ज किया गया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर स्कूल प्रबंधन द्वारा किए गए घोटाले को छुपाने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्कूल प्रबंधन ने विद्यार्थियों को वर्दी व किताबें उपलब्ध नहीं करवाईं, जिसके खिलाफ आवाज उठाने वाले अध्यापकों को नौकरी से निकाल दिया गया और यही कारण है कि वे पिछले ढाई महीने से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन आज पुलिस ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों व किसानों पर लाठीचार्ज किया। दूसरी ओर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया तथा केवल उन लोगों को गिरफ्तार किया गया जिन्होंने कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश की।

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