लुधियाना, 10 जून (निस)
कुछ दिन शांत रहने के बाद कांग्रेस पार्टी का आंतरिक कलह एक बार फिर तेज हो गया है। जालंधर छावनी से कांग्रेस विधायक एवं नवजोत सिंह सिद्धू के पक्के समर्थक परगट सिंह की सोशल मीडिया पर वायरल हुए आज एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से तीखे हमले किये हैं। उन्होंने पंजाब कांग्रेस की आंतरिक कलह को समाप्त करने के लिए पार्टी आलाकमान द्वारा गठित तीन सदस्यीय पैनल के सामने कुछ विधायकों व मंत्रियों के विरुद्ध दिये गये डोजियरों, जिनमें उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये गये हैं, को प्रेस को इरादतन लीक करने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यदि उन आरोपों को सही मान लिया जाये तो इसका स्पष्ट शब्दों में यह कबूल करना है कि चार वर्ष से ज्यादा समय से कैप्टन अमरेंद्र सिंह भ्रष्टाचारियों पर आधारित सरकार चला रहे थे। उन्होंने बातचीत के दौरान कैप्टन अमरेंद्र सिंह की सरकार चलाने की क्षमता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि आज मुख्यमंत्री का संकटमोचन बने एक मंत्री पर अपनी जमीन का दो बार मुआवजा लेने का आरोप है।
विधायक परगट सिंह ने पंजाब में करोड़ों रुपये के सिंचाई विभाग में हुए घपलों, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली पहली कांग्रेस सरकार द्वारा चलाए गये भ्रष्टाचार के मुकदमे में सरकारी अधिकारियों के बयानों से मुकर जाने पर उन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि 2007 में सरकार बदलने पर जांच करने वाले अधिकारी पुनः अकाली दल के सत्ता में आने पर अपने जांच संबंधी बयानों और सबूतों से पलट गये ताकि बादलों को बचाया जा सके। लेकिन अमरेंद्र सिंह ने पुनः सत्ता में आने पर ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई करने की बजाय उनको प्रोत्साहित ही किया। जब उनसे पूछा गया कि गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से शुरू हुई कांग्रेस की लड़ाई अब उप-मुख्यमंत्री के पद या मंत्रिमंडल के पुर्नगठन पर आ पहुंची है, तो उन्होंने कहा कि वह आज भी उन मुद्दों पर खड़े हैं। उन्होंने पंजाब के कई शहरों में मुख्यमंत्री के समर्थन में लगे बोर्डों का मजाक उड़ाते हुए कहा कि इससे क्या हो जायेगा?