Navjot Kaur Notice : अपमानजनक टिप्पणी पर विवाद बढ़ा, रंधावा ने नवजोत कौर सिद्धू को नोटिस
Navjot Kaur Notice : कांग्रेस की पंजाब इकाई के वरिष्ठ नेता और गुरदासपुर से सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने निलंबित पार्टी नेता नवजोत कौर सिद्धू को मंगलवार को कानूनी नोटिस भेजा और उनसे अपमानजनक टिप्पणी के लिए माफी मांगने या कानूनी कार्रवाई का सामना करने को कहा।
पार्टी के राजस्थान प्रभारी रंधावा ने नोटिस में कौर द्वारा मीडिया में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने संबंधी बयानों पर आपत्ति जताई। कौर कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी हैं। कांग्रेस ने कौर को मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए 500 करोड़ रुपए वाली उनकी टिप्पणी के लिए सोमवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया, जिससे राजनीतिक विवाद छिड़ गया था।
रंधावा के वकील ने नवजोत कौर को भेजे गए कानूनी नोटिस में कहा कि सात और आठ दिसंबर को आपने (कौर ने) मीडिया से बातचीत के दौरान मेरे मुवक्किल के खिलाफ झूठे, निराधार और मानहानिकारक बयान दिए, जिनका इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारण और रिपोर्टिंग की गई। खास तौर पर आपने आरोप लगाया कि मेरे मुवक्किल ने कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी के रूप में कार्य करते हुए भ्रष्टाचार किया, जिसमें रुपये के बदले पार्टी के टिकट बांटना भी शामिल है।
नोटिस के मुताबिक कि ये बयान बिना किसी सबूत या आधार के और मेरे मुवक्किल के चरित्र व प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से दिए गए। वकील ने कौर के बयानों को पूरी तरह से झूठा, मनगढ़ंत व द्वेष, राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता या व्यक्तिगत प्रतिशोध से प्रेरित बताते हुए कहा कि उनके मुवक्किल की पार्टी टिकट आवंटन या रिश्वत लेने सहित किसी भी भ्रष्ट आचरण में संलिप्तता नहीं है। मेरे मुवक्किल ने अपनी सार्वजनिक और राजनीतिक भूमिकाओं में हमेशा ईमानदारी व पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है।
नोटिस में कहा गया कि आपके बयानों का कोई आधार नहीं है और ये बिना सोचे-समझे दिए गए हैं, यह अच्छी तरह जानते हुए कि इनसे मेरे मुवक्किल की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति होगी। नवजोत कौर के बयान भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 356 के तहत मानहानि के समान हैं। आपके (नवजोत कौर के) बयान बीएनएस में दिए गए मानहानि के किसी भी अपवाद के अंतर्गत नहीं आते, क्योंकि ये सद्भावनापूर्वक, जनहित के लिए या सत्यापन योग्य तथ्यों पर आधारित नहीं थे। इसके बजाय ये मेरे मुवक्किल को बदनाम करने और उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर किया गया प्रयास था।
नोटिस में कौर से अपमानजनक बयानों के लिए बिना शर्त सार्वजनिक माफी की मांग की गई। वकील ने कहा कि माफीनामा सात दिन के भीतर उन्हीं मीडिया संस्थानों में प्रमुखता से प्रकाशित किया जाना चाहिए जहां ये बयान दिए गए थे। अनुपालन न करने पर मेरे मुवक्किल को आपके खिलाफ बीएनएस की धारा 356 और बीएनएसएस की धारा 222 के तहत बटाला के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत सहित सक्षम न्यायालय में आपराधिक मानहानि की कार्यवाही शुरू करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
कौर ने शनिवार को यह कहकर राजनीतिक हंगामा खड़ा कर दिया था कि जो 500 करोड़ रुपये का सूटकेस देता है, वह मुख्यमंत्री बन जाता है। कांग्रेस ने पैसे वाले मुख्यमंत्री संबंधी बयान को लेकर सोमवार शाम नवजोत कौर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया जाता है।
