बठिंडा (निस) नौजवान भारत सभा द्वारा आज यहां अंबेडकर पार्क से लेकर फौजी चौक तक मार्च करते हुए पहुंचे व फौजी चौक पर मानव श्रृंखला बनाकर रोष प्रदर्शन किया गया। इसमें सर्बजीत मौड़, बलकरण सिंह, बलजिंदर कौर, सुखप्रीत कौर व अन्य सदस्य शामिल हुए। इसमें प्रांतीय संगठन सचिव अश्विनी घुद्दा ने कहा कि देश की बिगड़ रही आर्थिक हालात को देखते हुए युवा विदेशों का रुख कर रहे हैं। सरकारी संस्थानों को कार्पोरेट घरानों को बेचा जा रहा है। खेती कानूनों के लागू होने से गरीबों, छोटे दुकानदारों और मजदूर वर्ग को भारी नुक्सान होगा।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।