जुपिंदरजीत सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 24 अगस्त
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या किए जाने के लगभग 15 महीने बाद भी पुलिस चार शूटरों से इस्तेमाल किए गए हथियार बरामद नहीं कर पाई है। शूटरों का नेतृत्व प्रियव्रत फौजी ने किया था, जिन्हें ‘बोलेरो कार मॉड्यूल’ या ‘फौजी मॉड्यूल’ भी कहा जाता है।
उम्मीद थी कि इस महीने की शुरुआत में अजरबैजान से प्रत्यर्पित किए गए कथित मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक सचिन थापन से पूछताछ से हथियारों की बरामदगी हो सकेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हथियारों में .30 बोर और .9 मिमी पिस्तौल शामिल थे।
थापन ने कथित तौर पर खुलासा किया है कि हत्या से कुछ हफ्ते पहले छह निशानेबाजों ने अयोध्या के एक फार्महाउस में फायरिंग का प्रशिक्षण लिया था। पहले यह आरोप लगाया गया था कि ‘फौजी मॉड्यूल’ शूटरों ने अपराध स्थल से भागते समय, हथियारों को सिरसा जिले में एक पूर्व-निर्धारित स्थान पर छिपा दिया था। पता चला है कि इन्हें बाद में गैंगस्टर रोहित गोदारा के गिरोह के सदस्यों ने उठाया था, जो हरियाणा और राजस्थान में सक्रिय है। पंजाब और दिल्ली पुलिस ने अलग-अलग ऑपरेशन में छह शूटरों के पास से 15 हथियार बरामद किए थे। शूटर मन्नू कुस्सा के पास से बरामद एक एके-47 और एक 9एमएम पिस्तौल गायक के शरीर और अपराध स्थल से मिली गोलियों से मेल खाती है।