रवि पाठक/निस
कपूरथला, 3 अक्तूबर
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के आह्वान पर लखीमपुर कांड की बरसी पर पंजाब में किसान संगठनों ने सोमवार को अमृतसर में दोपहर 12 से तीन बजे तक रेल ट्रैक जाम किए। किसान संगठनों की ओर से रेल रोको की कॉल के कारण सोमवार को रेलवे और यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। फरीदकोट में जींद से फिरोजपुर जा रही ट्रेन रोककर नारेबाजी की गई। किसान नेता बूटा सिंह व हरपाल सिंह ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना के आरोपियों को सख्त सजाएं देने समेत अन्य मांगों को लेकर संघर्ष कमेटी की तरफ से रेल रोको आंदोलन किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार पिछले लंबे समय से किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही। पिछले साल गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री ने खेती कानून वापस लेने समेत अन्य मांगों को जल्द पूरा करने का भरोसा देकर दिल्ली आंदोलन खत्म करवाया था लेकिन आंदोलन खत्म होने के बाद किसानों की जायज मांगों को अभी तक पूरा नहीं किया गया।
प्रदेश में अमृतसर, ब्यास, फरीदकोट, टांडा, फिरोजपुर और मोगा सहित कई जगहों पर ट्रैक जाम होने से पटरी पर दौड़ रही ट्रेनों की रफ्तार थम गई। अमृतसर की तरफ जाने वाली ट्रेनों को राजपुरा, सरहिंद, खन्ना, लुधियाना, फगवाड़ा, कपूरथला ,जालंधर तथा ब्यास के पास रोक दिया गया। दिल्ली-पठानकोट एक्सप्रेस, शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस और दादर एक्सप्रेस लुधियाना स्टेशन पर रुकी रहीं। शताब्दी एक्सप्रेस और नंगल डैम एक्सप्रेस को फगवाड़ा, जनसाधारण एक्सप्रेस को जालंधर सिटी, अमरपाली एक्सप्रेस को करतारपुर, मालवा एक्सप्रेस को चोलांग, स्वराज एक्सप्रेस को भोगपुर और चंडीगढ़-अमृसतर इंटरसिटी को टांगरा स्टेशन पर रोका गया। ट्रैक क्लीयर नहीं मिलने के कारण अमृतसर और जम्मू की तरफ से आने वाली ट्रेनें भी प्रभावित हुई। अप और डाउन रूट की लगभग सभी ट्रेनें बीच रास्ते में रुकी रहीं और इनमें सवार यात्री करीब तीन घंटे तक खड़ी ट्रेनों में बंधक बनकर बैठे रहे।
टिकट रिफंड के लिए हुआ मारामारी
खिड़कियों पर टिकट रिफंड लेने वाले यात्रियों का जमावड़ा लगा रहा। शाम तीन बजे के करीब ट्रैक क्लीयर होने के बाद रास्ते में रुकी ट्रेनों को गंतव्य की ओर रवाना किया गया, जिसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली। देर शाम तक ट्रेनों की समयसारिणी बुरी तरह से बिगड़ चुकी थी। अधिक्तर ट्रेनें अपने तय समय से कई घंटे की देरी से चल रही थी।