
जस्टिस रंजीत सिंह (बाएं)। -फाइल फोटो
चंडीगढ़/पंचकूला, 19 जनवरी (नस)
बेअदबी के विभिन्न मामलों में न्यायिक आयोग का नेतृत्व करने वाले जस्टिस रंजीत सिंह गिल (सेवानिवृत्त) ने बुधवार को बेअदबी के मामलों की साजिश रचने और घटनाओं को अंजाम देने के लिए डेरा अनुयायियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग के लिए तत्कालीन डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने ये टिप्पणियां इन मामलों की अपनी जांच के आधार पर अपनी पुस्तक 'द सैक्रिलेज' के विमोचन पर कीं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में 'निष्क्रियता' के लिए शिअद-भाजपा और कांग्रेस सरकारों को भी जिम्मेदार ठहराया।
चुनाव के करीब किताब के विमोचन पर उन्होंने कहा कि उनका कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यह महज एक संयोग है कि अब पुस्तक का विमोचन किया गया है। हम इसे पहले जारी करना चाहते थे लेकिन तकनीकी कारणों से यह नहीं हो पाया। जस्टिस गिल ने कहा कि उन्होंने भौतिक साक्ष्यों और निष्कर्षों के आधार पर पुलिस और राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। बेअदबी के मामले में पंजाब विधानसभा की भूमिका का पटाक्षेप करते हुए रंजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने अपनी पुस्तक के माध्यम से उन हालात का खुलासा किया जिसका असर प्रदेश की शांति व्यवस्था पर पड़ा था। उन्होंने कहा कि कई एसआईटी और दो जांच आयोगों द्वारा जांच के बावजूद बेअदबी के असली दोषियों को सामने लाने के लिए पर्याप्त कार्य नहीं हुआ जिससे रोष व्याप्त है।
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