Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

इंस्पेक्टरेट फूड सप्लाई यूनियन ने किया विरोध प्रदर्शन

संगरूर, 27 मार्च (निस) राज्य यूनियन के आह्वान पर इंस्पेक्टरेट फूड सप्लाई यूनियन ने गेहूं सीजन से संबंधित अपनी मांगों को लेकर जिला खाद्य आपूर्ति एवं कंट्रोलर कार्यालय संगरूर के समक्ष धरना दिया। प्रदर्शन के दौरान निरीक्षकों ने गेहूं सीजन...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

संगरूर, 27 मार्च (निस)

राज्य यूनियन के आह्वान पर इंस्पेक्टरेट फूड सप्लाई यूनियन ने गेहूं सीजन से संबंधित अपनी मांगों को लेकर जिला खाद्य आपूर्ति एवं कंट्रोलर कार्यालय संगरूर के समक्ष धरना दिया। प्रदर्शन के दौरान निरीक्षकों ने गेहूं सीजन के दौरान आने वाली कठिनाइयों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर यूनियन के जिला अध्यक्ष पंकज गर्ग ने कहा कि सीजन में मशीनी युग के कारण गेहूं 10-12 दिन में मंडियों में आता है और 15 दिन में खरीद हो जाती है, लेकिन गेहूं का उठान होने में कम से कम एक माह लग जाता है। रबी सीजन के दौरान एक केन्द्र पर लगभग 20 से 25 लाख बोरी गेहूं का भंडारण किया जाता है तथा विभाग के चार्टर एवं श्रम नीति के अनुसार प्रत्येक 1 लाख से 2 लाख मीट्रिक टन पर केन्द्र एवं श्रम ठेकेदार द्वारा 150 मजदूर उपलब्ध करवाए जाते हैं। इसलिए, एक दिन में, केंद्र और श्रमिकों से ढके हुए गोदाम में लगभग 50,000 बैग और खुले पैलेट में लगभग 65,000 बैग ही उतारे जा सकते हैं। इसलिए खरीदे गए गेहूं को उतारने में कम से कम 30 से 35 दिन का समय लग जाता है। इसी प्रकार, साइलो में गेहूं उतारने में 40 से 45 दिन का समय लगता है।

Advertisement

हालांकि, विभाग द्वारा जारी गेहूं खरीद नीति 2025-26 के निर्देशानुसार, खरीदे गए गेहूं की मात्रा को 72 घंटे के भीतर बाजार से उठाकर भंडारण स्थल पर ले जाने के लिए कहा जा रहा है, जो असंभव है। इसलिए, 72 घंटे की उठाने की आवश्यकता को समाप्त करने के लिए इस निर्देश में संशोधन किया जाना चाहिए। यूनियन के महासचिव संदीप सिंह ने बताया कि विभाग ने रिजेक्टेड क्रेटों की मरम्मत तथा शैलर से किराए पर लेने संबंधी निर्देश जारी किए हैं जिसका निरीक्षकों द्वारा पालन किया जा रहा है, लेकिन मैदानी अमले द्वारा हर संभव प्रयास के बाद भी आवश्यक क्रेटों में से केवल 35 से 40 प्रतिशत क्रेटों की ही व्यवस्था हो पाएगी। शेष बचे बक्सों का यथाशीघ्र निपटान किया जाना चाहिए। यदि सीजन के दौरान आने वाली कठिनाइयों का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो संघर्ष और तेज हो जाएगा।

Advertisement

Advertisement
×