चंडीगढ़, 8 सितंबर (एजेंसी)
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने वर्ष 1991 के बलवंत सिंह मुल्तानी गुमशुदगी मामले में पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुमेध सैनी की अग्रिम जमानत सहित 2 याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं। जस्टिस फतेहदीप सिंह की पीठ ने दोनों याचिकाओं पर सोमवार को फैसला सुरक्षित कर लिया था। विशेष लोक अभियोजक ने मंगलवार को बताया कि अदालत ने पूर्व पुलिस महानिदेशक की दोनों याचिकाएं खारिज कर दी हैं। बलवंत सिंह मुल्तानी मामले में अग्रिम जमानत देने का अनुरोध करने के साथ सैनी ने प्राथमिकी रद्द करने या जांच सीबीआई को हस्तांतरित करने के लिए याचिका दायर की थी।
यह है मामला
सैनी के खिलाफ इस साल मई में मुल्तानी के लापता होने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वर्ष 1991 में जब मुल्तानी लापता हुए थे तब वह चंडीगढ़ औद्योगिक और पर्यटन निगम में बतौर कनिष्ठ अभियंता कार्य रहे थे। मोहाली की अदालत से एक सितंबर को याचिका खारिज होने के बाद सैनी ने हाईकोर्ट का रुख किया था। पंजाब पुलिस ने 3 सितंबर को दावा किया था कि सैनी ‘फरार’ हैं। साथ ही उनकी पत्नी की सुरक्षा वापस लेने के दावे को भी खारिज कर दिया था। उल्लेखनीय है कि सैनी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है क्योंकि 21 अगस्त को मोहाली की अदालत ने पंजाब पुलिस को मामले में हत्या की धारा भी जोड़ने की अनुमति दे दी। यह मामला तब सामने आया जब मामले में सह आरोपी चंडीगड़ पुलिस के पूर्व निरीक्षक जागीर सिंह और पूर्व सहायक उप निरीक्षक कुलदीप सिंह मुल्तानी लापता मामले में सरकारी गवाह बन गए। उल्लेखनीय है कि मुल्तानी मोहाली के रहने वाले थे और चंडीगढ़ के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रहे सैनी पर हुए आतंकवादी हमले के बाद पुलिस उन्हें पकड़ कर ले गई थी। बाद में पुलिस ने दावा किया कि मुल्तानी पुलिस हिरासत से भाग गए हैं। मुल्तानी के भाई पलविंदर सिंह मुल्तानी की शिकायत पर सैनी और 6 अन्य के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।