कपूरथला, 27 अप्रैल (निस)
दूषित पानी एवं आक्सीजन की कमी के कारण काली बेई में लाखों मछलियों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद पंजाब सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है। एक सप्ताह से काली बेई में लाखों मछलियां मर चुकी है। हालाकि पर्यवरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल एवं उनके सेवादार लगातार बचाव की कोशिश में जुटे है। बेई में न तो स्वच्छ पानी छोड़ा गया और न ही दूषित पानी को रोकने के लिए कोई कदम उठाया जा सका है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम भी जायजा लेने की खानापूर्ति पूरे करने के अलावा कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी है। बेई में रोजाना मछलियों की मौत हो रही है। पानी से उठ रही दुर्गंध के कारण बीमारी फैलने का खतरा भी मंडरा रहा है। संत बलबीर सिंह सीचेवाल का कहना है कि दूषित पानी जलीय जीवों के साथ-साथ इंसानों के लिए भी घातक है लेकिन इसके बावजूद सरकार व प्रशासनिक तौर पर लापरवाही का खमियाजा इंसानों के साथ-साथ जलजीवों को भी भुगतना पड़ रहा है। इससे पहले भी बेई में मछलियां मरी चुकी है। इसके बावजूद काली बई में गिर रहे दूषित पानी को रोकने के इंतजाम नहीं हो सके है। इस बार ड्रेनेज विभाग की तरफ से बेई की सफाई के नाम पर टेरकियाना से बेई में गिर रहे स्वच्छ जल को बंद कर दिया गया, जिससे बेई में गिरने वाले दूषित पानी की मात्रा बढ़ने से आक्सीजन की कमी हो गई। संत सीचेवाल और सेवादारों की तरफ से मृत मछलियों की बेई से निकाला जा रहा है। दर्जनों ट्रालियाँ बाहर निकाली गई है और अन्य मछलियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।