लुधियाना, 21 दिसंबर (निस)
नये कृषि कानूनों को समाप्त करने की मांग को लेकर एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठे किसान और उनके समर्थकों ने धमकी दी है कि यदि सरकार ने शीघ्र ही ये तीनों कानून वापस नहीं लिये तो वे सामूहिक रूप से मिट्टी का तेल छिड़क कर आत्मदाह कर लेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बनाये गये यह तीनों कानून किसानों के नहीं अम्बानी-अडानी के हितों की रक्षा करते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हठ छोड़ कर ठिठुरती ठंड में बैठे किसानों की मांग मानें और इन कानूनों से निजात दिलायें। उन्होंने सरकार विरोधी नारेबाजी भी की।
कामगार यूनियन ने दिया समर्थन
लुधियाना के औद्योगिक मज़दूरों की यूनियन टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन की ओर से आज ताज़पुर रोड पर स्थित मज़दूर पुस्तकालय में मीटिंग कर समर्थन का ऐलान करते हुए कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ़ संघर्ष जारी रहेगा और प्रचार-अभियान को और तेज किया जाएगा। यूनियन के अध्यक्ष कामरेड राजविंदर ने कहा कि कृषि कानूनों की सबसे बड़ी मार मज़दूर-मेहनतकश आबादी पर पड़ेगी। ये कानून पूँजीपति वर्ग द्वारा अनाज की जमाखोरी, कालाबाज़ारी, मंहगाई को बढ़ावा देंगे।
ब्लाक समिति मैंबर ने सौंपा इस्तीफा
खेती कानूनों के विरोध में आज ब्लाक समिति मैंबर होशियार सिंह थियाड़ा ने डीसी होशियारपुर अपनीत रियात को इस्तीफा सौंपा दिया।
उन्होने कहा कि पंजाब व दूसरे सूबों के किसान पिछले 28 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर खेती कानूनों को रद्द करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। किसान खेती बिल रद्द करवा कर ही दम लेंगे।