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खनौरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन, केंद्र सरकार के पुतले फूंके

संगरूर, 24 फरवरी (निस) खनौरी बॉर्डर पर किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए पुतले फूंकें। इस प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार से उनकी लंबित मांगों को लागू करने की अपील करना था, जिनमें मुख्य रूप से तीन...

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संगरूर के खनौरी बार्डर पर केंद्र सरकार का पुतला फूंकते हुए किसान। निस
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संगरूर, 24 फरवरी (निस)

खनौरी बॉर्डर पर किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए पुतले फूंकें। इस प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार से उनकी लंबित मांगों को लागू करने की अपील करना था, जिनमें मुख्य रूप से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद बाकी मांगों की अनदेखी की गई है।

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इंद्रजीत सिंह कोटबुढा ने बताया कि 2020 में केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर थोपे गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर 378 दिनों तक ऐतिहासिक शांतिपूर्ण आंदोलन किया। हालांकि, इन कानूनों के रद्द होने के बावजूद अन्य मांगों को पूरा नहीं किया गया। सरकार द्वारा 9 दिसंबर 2021 को लिखित में इन मांगों को लागू करने का वादा किया गया था, लेकिन वे अब तक लागू नहीं हो सकी हैं।

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किसानों ने 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच का ऐलान किया, लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार ने किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए, जिसमें पैरामिलिट्री फोर्स का तैनात किया जाना और सड़कें बंद करना शामिल था। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस और गोलियों का प्रयोग किया, जिसमें युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई और कई किसान घायल हो गए। बीकेई अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि इस आंदोलन में किसानों ने हर कठिनाई का सामना किया है, लेकिन वे अपनी मांगों को लेकर डटे रहे। अब आगामी 19 मार्च 2025 को चंडीगढ़ में सरकार के साथ 7वें दौर की वार्ता की उम्मीद जताई जा रही है। किसानों का मानना है कि सरकार जल्द ही उनकी सभी मांगों को पूरा करेगी।

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