चरनजीत भुल्लर/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 18 अक्तूबर
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में कूदे 31 किसान संगठनों की नज़र अब सोमवार को बुलाये पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र पर टिकी है। विधानसभा के विशेष सत्र से पंजाब सरकार की कृषि कानूनों के खिलाफ लिए फैसले के बाद किसानों की अगली रणनीति का पता चलेगा।
फिरोजपुर तथा अमृतसर में रेल मार्गों पर लगाये पक्के मोर्चों पर बैठे किसानों ने विशेष सत्र के प्रस्ताव को सार्वजनिक करने तथा बिजली संशोधन बिल-2020 को रद्द करने की मांग की है। इस दौरान किसान संगठनों ने आज समस्त प्रदेश में आंदोलन को तेज करते हुए दूसरे राज्यों से धान की आमद को रोकने के लिए पंजाब तथा हरियाणा की अंतरराज्यीय सीमा पर दर्जनों नाके लगाये। टोल प्लाजों, शाॅपिंग माल, अडानी-अंबानी के गोदामों, पेट्रोल पंपों तथा भाजपा नेताओं के घरों के आगे धरना-प्रदर्शन आज भी जारी रहे।
उधर, भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) ने पंजाब सरकार की तीन सदस्यीय कैबिनेट कमेटी द्वारा मिले बातचीत के निमंत्रण के बाद सोमवार को विधानसभा के समक्ष दिया जाने वाला धरना निलंबित कर दिया है। गौरतलब है िक कैबिनेट कमेटी के किसानों के 11 सदस्यीय शिष्टमंडल को लिखित तौर पर निमंत्रण दिया है। यह बैठक 21 अक्तूबर को पंजाब भवन में होगी।
किसान संगठन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह से मांग की गयी थी कि 19 अक्तूबर को विधानसभा के विशेष सत्र में तीनों कृषि कानूनों तथा बिजली संशोधन बिल-2020 को वापस लेने के प्रस्ताव के अलावा पंजाब सरकार का 2017 वाला एपीएमसी एक्ट भी वापस लिया जाये। दूसरी तरफ किसान संगठनोन द्वारा विशेष सत्र के फैसलों के मद्देनजर संघर्ष की अगली रणनीति तय की जायेगी।
मंत्रिमंडल ने फैसला लेने के लिए सीएम को किया अधिकृत
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : केन्द्र के कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए विधानसभा के दो-दिवसीय सत्र से पहले पंजाब मंत्रिमंडल ने रविवार को मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह को किसानों के हितों की रक्षा के वास्ते कोई भी विधायी या कानूनी निर्णय लेने को अधिकृत कर दिया। कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की एक बैठक में यह फैसला लिया गया, जिसमें पार्टी के विधायकों ने सर्वसम्मति से राज्य में कृषि कानूनों को एक सिरे से खारिज करने और इन्हें लागू नहीं करने पर जोर दिया।
केंद्र चाहे तो, कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर दे : जाखड़
चंडीगढ़ (एजेंसी) : रविवार को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि केंद्र चाहे तो, भले ही कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर दे लेकिन पार्टी किसानों के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कोशिश करेगी। विधानसभा का दो दिवसीय सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, जिस दौरान राज्य सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक पेश करने वाली है। मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने कृषि कानूनों पर चर्चा करने तथा विधानसभा सत्र पर उनके विचार जानने के लिए रविवार दोपहर को कांग्रेस विधायकों के साथ एक बैठक की। बैठक के बाद जाखड़ ने कहा, ‘हमने चर्चा की कि कैसे किसानों को इन काले कानूनों से बचाना है।’ उन्होंने कहा कि सरकार इसको लेकर स्पष्ट है कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए वह जो कुछ कर सकती है, करेगी। उनके अनुसार विधायकों की राय थी कि यदि केंद्र महसूस करता है कि नये कृषि कानूनों का पंजाब द्वारा मुखालफत सही नहीं है तो वह राज्य सरकार को बर्खास्त कर सकता है।