चंडीगढ़, 20 सितंबर (एजेंसी)
पंजाब के कई हिस्सों में किसानों ने कृषि विधेयकों की प्रतियां तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला रविवार को जलाया और आरोप लगाया कि कृषि क्षेत्र से संबंधित विधेयक उनकी जीविका को खत्म कर देंगे। तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब युवा कांग्रेस ने भी पंजाब से दिल्ली तक ‘ ट्रैक्टर रैली’ की शुरुआत की। लुधियाना, फिरोजपुर, होशियारपुर, संगरूर और बरनाला समेत कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। तलवंडी साबो में एक किसान ने बताया कि ये कृषि विधेयक किसानों और कृषक मजदूरों को बर्बाद कर देंगे और हम इनकी कड़ी निंदा करते हैं। किसानों ने आशंका जताई कि तीन विधेयकों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा और किसानों को बड़े कॉरपोरेट घरानों के ‘रहम’ पर छोड़ दिया जाएगा। कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हवा में काले गुब्बारे भी छोड़े।
पंजाब युवा कांग्रेस के प्रमुख बरिंदर सिंह ढिल्लों ने डेराबस्सी में कहा कि यह किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई की शुरुआत है। पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ ने कहा कि अकाली दल और भाजपा को छोड़कर सभी पार्टियां किसानों के साथ खड़ी हैं। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को निशाने पर लिया।
सुखबीर ने राष्ट्रपति से हस्ताक्षर नहीं करने का किया आग्रह
चंडीगढ़ (एजेंसी) : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने संसद द्वारा पारित कृषि विधेयकों पर राष्ट्रपति से अपनी सहमति नहीं देने और इन्हें पुनर्विचार के लिए संसद को लौटाने का रविवार को अनुरोध किया। बादल ने कहा कि विधेयकों का पारित होना देश में लोकतंत्र और करोड़ों लोगों के लिए ‘दुखद दिन’ है। राज्यसभा द्वारा तीन में से दो विधेयकों को पारित किये जाने के शीघ्र बाद शिअद नेता ने एक बयान में कहा, ‘लोकतंत्र का अर्थ है आम सहमति, बहुमत में मौजूद लोगों द्वारा दमन नहीं।’