अमृतसर, 9 सितंबर (ट्रिन्यू)
द ट्रिब्यून ग्रुप ऑफ न्यूजपेपर्स ने चितकारा यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी में शनिवार को प्रिंसिपल मीट का आयोजन किया। ‘इनोवेटिव पेडागॉजी एंड इफेक्टिव टीचिंग लर्निंग’ (नवोन्मेषी शिक्षाशास्त्र और प्रभावी शिक्षण अधिगम) पर एक सेमिनार का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर के 65 निदेशक, स्कूल प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और शिक्षक शामिल हुए।
आईआईटी जम्मू की पूर्व सलाहकार प्रशिक्षण और प्लेसमेंट की रिसोर्स पर्सन स्वाति बसोत्रा ने कहा कि शिक्षा और शिक्षाशास्त्र में रातोंरात बदलाव नहीं हो सकते। चाहे वे प्रौद्योगिकी संचालित हों या मानवीय मूल्यों पर आधारित हों। तकनीक-संचालित, कौशल आधारित शिक्षा की ओर परिवर्तन तभी परिणाम देगा जब यह हमारे दृष्टिकोण में समावेशी होगा। स्कूलों को ये बदलाव धीरे-धीरे करने चाहिए, छोटे परीक्षण समूहों के साथ जहां शिक्षक सीखने के परिणामों का मूल्यांकन भी करते हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बदलावों को लागू करने से पहले मानसिकता को कैसे बदलने की जरूरत है। “पहला बदलाव मानसिकता है। यह पीढ़ी और जीन अलग-अलग हैं, इसलिए माता-पिता, शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन सहित सभी हितधारकों को बदलने की जरूरत है। सबसे बड़ी जिम्मेदारी शिक्षकों की है, उन्हें समय-समय पर मूल्यांकन द्वारा कक्षा में नये परिवर्तन लागू करने चाहिए, उन्हें जोखिम लेने की जरूरत नहीं है।
डीएवी पब्लिक स्कूल लारेंस रोड की प्रिंसिपल पल्लवी सेठी ने कहा किबदली हुई शिक्षाशास्त्र को अपनाने में सबसे बड़ी चुनौती ऐसे पाठ्यक्रम को डिजाइन करना है जो उद्देश्यों के अनुकूल हो और नयी प्रणाली के परिणामों का समर्थन करता हो। हमें ऐसे छात्रों की आवश्यकता है जो उद्योग के लिए तैयार हों, व्यावहारिक आधारित शिक्षण के माध्यम से सीख रहे हों। कैप्टन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, फतेहगढ़ चूड़ियां की प्रिंसिपल कैप्टन हरिंदर कौर ने कहा कि “नयी शिक्षा नीति रोजगार सृजन, कौशल आधारित शिक्षा प्रदान करने पर केंद्रित है जो यह सुनिश्चित करेगी कि भावी पीढ़ी वैश्विक बाजार की जरूरतों के अनुरूप हो। मॉडर्न जगत ज्योति सीनियर सेकेंडरी स्कूल, अमृतसर की प्रिंसिपल सुमित पुरी ने कहा कि यद्यपि कक्षा में सीखने में प्रौद्योगिकी संचालित परिवर्तनों को भविष्य की आवश्यकता के रूप में लागू किया जाना चाहिए, लेकिन पारंपरिक पद्धति और शिक्षाशास्त्र को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जाना चाहिए।