चंडीगढ़, 13 अप्रैल (एजेंसी)
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने मंगलवार को आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह के इस्तीफे को स्वीकार करने से मना कर दिया। हाईकोर्ट ने पुलिस गोलीबारी के 2 मामलों में उनके नेतृत्व में हुयी जांच को कथित रूप से रद्द कर दिया था। इसके बाद अधिकारी ने इस्तीफा दिया था।
पुलिस महानिरीक्षक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व किया था, जिसने फरीदकोट जिले के कोटकापुरा और बहबल कलां में 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की कथित बेअदबी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस कार्रवाई की जांच की। पुलिस कार्रवाई में 2 लोगों की मौत हो गयी थी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा एसआईटी जांच को कथित तौर पर रद्द कर दिए जाने के बाद अधिकारी ने समयपूर्व सेवानिवृत्ति का अनुरोध किया था। अदालत के आदेश की प्रति हालांकि अभी सामने नहीं आयी है।
खबरों के मुताबिक, हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को एसआईटी का पुनर्गठन करने को कहा जिसमें सिंह को शामिल नहीं किया जाए। एक सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारी के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के अनुरोध को ठुकरा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंह एक सक्षम और कुशल अधिकारी हैं। उनकी सेवाओं की राज्य को जरूरत है, खासकर ऐसे समय में, जब राज्य को विभिन्न आंतरिक और बाहरी सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही साफ कर दिया है कि उनकी सरकार ऐसे किसी भी अदालती आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी जिसमें सिंह को एसआईटी प्रमुख के पद से हटाने या जांच को रद्द करने की बात की गयी हो।