चंडीगढ़, 10 मई (ट्रिन्यू) : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी पर 5 जुलाई तक रोक लगाते हुए पंजाब पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वह दो बार बग्गा के घर जाकर उनके वकीलों की मौजूदगी में पूछताछ कर सकती है। इस पूछताछ के आधार पर पंजाब पुलिस 6 जुलाई को हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करेगी। आरोप है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद भाजपा नेता बग्गा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी। बीती 6 मई को उस समय हंगामा हुआ जब पंजाब पुलिस ने दिल्ली जाकर बग्गा को हिरासत में ले लिया। इस बीच, दिल्ली पुलिस द्वारा पंजाब पुलिस के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर लिया गया। पंजाब पुलिस जब बग्गा को लेकर चंडीगढ़ आ रही थी तो रास्ते में कुरुक्षेत्र पुलिस ने रोका और दिल्ली पुलिस ने तेजिंदर पाल को पंजाब पुलिस के कब्जे से छुड़वा लिया। गत 7 मई को मोहाली की अदालत ने बग्गा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। इसके कुछ घंटे बाद हाईकोर्ट ने मंगलवार तक तेजिंदर पाल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। अब 5 जुलाई तक राहत दे दी। बग्गा के वकील ने कहा कि मामला सियासी रंजिश का है। जिस वीडियो को लेकर बग्गा के खिलाफ एफआआर दर्ज की गई है, वह वीडियो ही तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। वहीं पंजाब के एडवोकेट जनरल ने इस याचिका का विरोध करते हुए इसे रद्द करने की मांग की।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।