चंडीगढ़/डिब्रूगढ़, 19 मार्च (एजेंसी)
कट्टरपंथी एवं खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख अमृतपाल सिंह अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इस बीच, जालंधर के पुलिस आयुक्त कुलदीप सिंह चहल ने कहा, ‘अमृतपाल अब भगोड़ा है। हम उसकी तलाश कर रहे हैं। उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे।’ किसी प्रकार की चूक के सवाल पर चहल ने कहा, ‘यह चोर और सिपाही का खेल है। वे कभी-कभी बच निकलते हैं, लेकिन उसे गिरफ्तार कर लेंगे।’ उन्होंने कहा कि उसका वाहन पुलिस के वाहन से करीब 20 किलोमीटर आगे था, संकरी गलियों में वाहन बदलकर वह फरार हो गया।
उधर, अमृतपाल के संगठन से जुड़े चार सदस्यों को पंजाब से गिरफ्तार करने के बाद रविवार को असम के डिब्रूगढ़ लाया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘चारों को फिलहाल डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में रखा गया है।’ उन्होंने और कोई जानकारी नहीं दी। इसी घटनाक्रम के बीच पंजाब सरकार ने राज्य में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं के निलंबन की अवधि सोमवार दोपहर तक बढ़ा दी है। इसके साथ ही सुरक्षा बलों ने अमृतसर, जालंधर, राजपुरा, संगरूर, पटियाला और लुधियाना समेत राज्य के कई स्थानों पर फ्लैग मार्च किया। गौर हो कि इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ शनिवार को बड़ी कार्रवाई शुरू की थी और उसके नेतृत्व वाले एक संगठन के 78 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था। जालंधर जिले में अमृतपाल के काफिले को रोका गया, लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। उसके बाद कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। अधिकारियों ने कहा कि हिंसा के संभावित खतरे को देखते हुए इंटरनेट सेवा एक और दिन सस्पेंड की गयी है। हालांकि ब्रॉडबैंड सेवाओं को निलंबित नहीं किया गया है, ताकि बैंकिंग सुविधाएं, अस्पताल सेवाएं और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध रहें। इस बीच, अमृतसर में अमृतपाल के पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई।
दो और एफआईआर दर्ज, 7 अन्य गिरफ्तार
अमृतपाल और उसके दो सहयोगियों के खिलाफ दो और प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। जालंधर रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) स्वपन शर्मा ने बताया कि एक प्राथमिकी रविवार को एक वाहन से हथियार और दर्जनों कारतूस बरामद किए जाने के मामले में दर्ज की गई। शर्मा ने बताया कि कुछ फोन बरामद किए गए हैं, जिन्हें तकनीकी विश्लेषण के लिए भेजा गया है। पुलिस ने बताया कि कार में से एक राइफल, 57 कारतूस, एक तलवार और एक पंजीकरण संख्या प्लेट मिली है। इस बीच, अमृतपाल के सात साथियों को शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है। ये लोग अमृतपाल के काफिले का हिस्सा थे।
‘आईएसआई की शह’
नयी दिल्ली : विदेशों में रहने वाले सिख अलगाववादियों की मदद से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ ने पंजाब में आतंकवाद को दोबारा फैलाने के लिए अमृतपाल सिंह को भारत में सक्रिय किया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि आईएसआई द्वारा अमृतपाल को कट्टरपंथ के रास्ते पर आगे बढ़ाने से पहले वह दुबई में ट्रक चालक के तौर पर काम करता था। अमृतपाल 1984 में ऑपरेशन ‘ब्लू स्टार’ के दौरान मारे गए आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले की तरह की पोशाक पहनता है और खुद को भिंडरांवाला जैसा दर्शाने की कोशिश करता है। उसके ‘इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन’ के प्रमुख लखबीर सिंह के साथ संबंध हैं। लखबीर सिंह नयी दिल्ली में सरकारी अधिकारियों पर हमले करने की साजिश रचने, पंजाब में नफरत फैलाने और हथियारों की तस्करी के मामलों में वांछित है।
कई हथियार बरामद
पुलिस ने बताया कि राज्यव्यापी अभियान के दौरान अब तक .315 बोर की एक राइफल, 12 बोर की सात राइफल, एक रिवॉल्वर और 373 कारतूस सहित नौ हथियार बरामद किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक, पंजाब में कई जगहों पर वाहनों की तलाशी लेने के साथ ही सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
अमृतपाल को हिरासत में लिया गया है : पिता
अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने कहा, ‘उसकी कल से कोई जानकारी नहीं है। हमें लग रहा है कि उसे पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है।’ उसने कहा, ‘डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि अमृतपाल ने कुछ गलत नहीं किया है।’ तरसेम ने दावा किया कि अमृतपाल युवाओं को नशीले पदार्थों से दूर कर रहा था।
गिरफ्तारी पर संशय
अमृतपाल की गिरफ्तारी को लेकर रविवार देर रात तक संशय बना रहा। कुछ टीवी चैनल ने उसकी गिरफ्तार की खबरें चला दीं। हालांकि बहुत कम समय में ही यह खबर हटाकर कुछ अन्य खबरों को चलाया जाने लगा। देर रात तक उसकी गिरफ्तारी की कोई पुष्टि नहीं हो पाई।