चंडीगढ़, 29 सितंबर (एजेंसी)
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष के पद से अचानक इस्तीफा देने के एक दिन बाद चुप्पी तोड़ते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), राज्य के महाधिवक्ता और ‘दागी’ नेताओं की नियुक्तियों पर बुधवार को सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वह किसी भी तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं लेकिन अपने सिद्धांतों पर हमेशा डटे रहेंगे। राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले कांग्रेस को एक नए संकट में डालते हुए सिद्धू ने चरणजीत सिंह चन्नी कैबिनेट के नए मंत्रियों को विभागों के आवंटन के तुरंत बाद मंगलवार को अपना इस्तीफा दे दिया। इस बीच, मंत्री परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, विधायक इंद्रबीर सिंह बोलारिया और कांग्रेस की पंजाब इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष पवन गोयल सहित पार्टी के कई नेता बुधवार को उनसे मिलने पटियाला स्थित उनके आवास पहुंचे। सिद्धू ने बुधवार को ट्विटर पर चार मिनट का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘हक़-सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा…।’ सिद्धू ने वीडियो में कहा, ‘मेरे प्यारे पंजाबियों, मेरे 17 साल के राजनीतिक सफर का उद्देश्य केवल….पंजाब के लोगों के जीवन को बेहतर बनाना, बदलाव लाना और मुद्दों की राजनीति पर आवाज उठाना रहा है। यही मेरा ‘धर्म’ और मेरा कर्तव्य रहा है। आज तक मेरी किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, न ही मैंने कोई व्यक्तिगत लड़ाई लड़ी है। मेरी लड़ाई मुद्दों और पंजाब समर्थक एजेंडे पर रही है, जिसके लिए मैं लंबे समय से आवाज उठाता रहा हूं।’ सिद्धू ने कहा, ‘मेरे पिता ने एक बार मुझसे कहा था कि जब कभी भी भ्रम हो, हमेशा नैतिक मूल्यों से समझौता किए बिना सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।’
इन नियुक्तियों पर है सिद्धू को एतराज
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को पंजाब पुलिस के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। सहोता का स्पष्ट तौर पर जिक्र करते हुए, सिद्धू ने कहा, ‘आज मैंने देखा कि उन मुद्दों पर समझौता हो रहा है।’ सहोता फरीदकोट में गुरु ग्रन्थ साहिब की बेअदबी की घटनाओं की जांच के लिए तत्कालीन अकाली सरकार द्वारा 2015 में गठित एक विशेष जांच दल के प्रमुख थे। सिद्धू ने कहा, ‘जिन्होंने छह साल पहले बादल को क्लीन चिट दी थी…ऐसे लोगों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी दी गई है..।’ सिद्धू ने एपीएस देओल की राज्य के नए महाधिवक्ता के रूप में नियुक्ति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘मेरी आत्मा कांप उठती है, जब मैं देखता हूं कि जिन लोगों ने ‘पक्की जमानत’ दिलाई है, वे महाधिवक्ता बनाए गए हैं। यह क्या एजेंडा है?’ देओल पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के वकील रह चुके हैं। सिद्धू ने कहा, ‘जो लोग मुद्दों की बात करते थे, वे मुद्दे अब कहां हैं?… क्या हम इन माध्यमों से अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे। ‘गुरु साहिब’ के न्याय के लिए लड़ने और पंजाब के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए…..मैं कोई भी बलिदान दूंगा लेकिन हमेशा सिद्धांतों पर डटा रहूंगा।’ उन्होंने कहा कि ‘दागी’ नेताओं और अधिकारियों वाली व्यवस्था हटाए जाने के बाद वापस लाई जा रही है और ‘मैं इसका विरोध करता हूं।’ उनका इशारा चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में राणा गुरजीत सिंह को शामिल किए जाने की ओर था। सिंह को उनके अतीत को लेकर कुछ पार्टी नेताओं द्वारा विरोध जताए जाने के बावजूद मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
आलाकमान नाराज, इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं
नयी दिल्ली (एजेंसी) : पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे से जुड़े घटनाक्रम को लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नाराज है। हालांकि अभी सिद्धू के त्यागपत्र पर कोई फैसला नहीं हुआ है। दूसरी तरफ पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस पूरे घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से इनकार किया और सिर्फ यह कहा कि इस मामले पर पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत जवाब देंगे। पंजाब के घटनाक्रम पर हरीश रावत से इस मामले पर टिप्पणी के लिए संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बातचीत नहीं हो सकी। कांग्रेस से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ‘पंजाब में सिद्धू के इस्तीफे के बाद जो नया घटनाक्रम शुरू हुआ है, उससे आलाकमान नाराज है। यह जरूर है कि पार्टी नेतृत्व की तरफ से सिद्धू के इस्तीफे के संदर्भ में अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।’ सूत्रों का यह भी कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ नेता और राज्य सरकार के मंत्री परगट सिंह एवं अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग मंगलवार से ही सिद्धू के संपर्क हैं तथा मामले को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।
सीएम चन्नी करेंगे सिद्धू से बात
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नाराज नवजोत सिंह सिद्धू से मुद्दों को सुलझाने के लिए वार्ता की पेशकश की। चन्नी ने कहा कि पार्टी सर्वोपरि है और सरकार पार्टी की विचारधारा का अनुसरण करती है। उन्होंने कैबिनेट बैठक के इतर संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने आज टेलीफोन पर सिद्धू साहब से बात की। पार्टी सर्वोपरि है और सरकार पार्टी की विचारधारा को स्वीकार कर उसका अनुसरण करती है। (मैंने उनसे कहा कि) आपको आना चाहिए और बैठकर बात करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘अध्यक्ष पार्टी का प्रमुख होता है। प्रमुख को परिवार के बीच बैठना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि सिद्धू मुलाकात करने पर सहमत हुए। सिद्धू ने इस्तीफा देकर कांग्रेस में नया संकट पैदा कर दिया। उन्होंने बुधवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और पुलिस महानिदेशक, राज्य के महाधिवक्ता तथा ‘दागी’ नेताओं की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए। बहरहाल, चन्नी ने नियुक्तियों का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी सदस्यों के फीडबैक के आधार पर काम किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे कोई आपत्ति नहीं है या किसी बात को लेकर कोई अहंकार नहीं है।’ मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि वह निर्णयों की समीक्षा करने के लिए तैयार हैं। वार्ता के मुद्दे पर सिद्धू की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर चन्नी ने कहा कि उन्होंने (सिद्धू ने) कहा कि वह मिलने के लिए समय देंगे। उन्होंने कहा, ‘हम उनके साथ बैठेंगे और बात करेंगे।’ एक सवाल के जवाब में चन्नी ने कहा कि मंत्री परगट सिंह और कुछ अन्य नेता सिद्धू से मिलने गए थे। यह पूछने पर कि क्या सिद्धू ने ठीक काम किया तो चन्नी ने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं पंजाब के लोगों के मुद्दे से कभी विमुख नहीं होऊंगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमें सहयोगियों और दूसरे लोगों से जो फीडबैक मिला और जिन्हें नियुक्त किया जा सकता था, उन्हें हमने नियुक्त किया। लेकिन पंजाब के लोगों की इच्छा के मुताबिक निर्णय किया जाएगा।’
बकाया बिजली बिल माफ, कनेक्शन बहाल होंगे : चन्नी
चंडीगढ़ (एजेंसी) : पंजाब सरकार ने दो किलोवाट तक बिजली कनेक्शन वाले लोगों के बिजली बिल बुधवार को माफ कर दिए। सरकार के इस कदम से सरकारी खजाने पर 1,200 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। राज्य मंत्रिमंडल ने यह भी फैसला किया कि अपने बिलों का भुगतान नहीं करने के कारण जिन लोगों के बिजली कनेक्शन काटे गये थे, उन्हें फिर से बहाल किया जायेगा। चन्नी ने मीडिया से कहा, ‘हमने आज फैसला किया है कि जिन उपभोक्ताओं के पास दो किलोवाट तक लोड वाले कनेक्शन हैं, जो कुल उपभोक्ताओं का 80 प्रतिशत हैं, उनका बकाया माफ किया जाएगा और सरकार इसे वहन करेगी।’ उन्होंने कहा कि सरकार बिजली कंपनी पीएसपीसीएल को उपभोक्ताओं के बकाये का भुगतान करेगी।
हक़-सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा … pic.twitter.com/LWnBF8JQxu
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 29, 2021