चंडीगढ़, 4 फरवरी (एजेंसी)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़ ने शनिवार को कहा कि उसने एक अभिनव हरित तकनीक ‘एयर नैनो बबल’ विकसित की है जो कपड़ा क्षेत्र में पानी के इस्तेमाल को 90 प्रतिशत तक कम कर सकती है। आईआईटी (रोपड़) के निदेशक राजीव आहूजा ने यहां एक बयान में बताया, ‘कपड़ा क्षेत्र उन उद्योगों में से एक है जहां पानी की अधिक खपत होती है और कपड़ा उद्योग में पानी के उपयोग के प्रबंधन की समस्या को दूर करने की आवश्यकता है। आईआईटी रोपड़ में, हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी के संरक्षण के लिए नई तकनीक की प्रसंस्करण विधियों का आविष्कार और समावेश कर रहे हैं।’ इस तकनीक को विकसित करने वाले नीलकंठ निर्मलकर का कहना है कि एक अनुमान के मुताबिक एक किलोग्राम सूती कपड़े को संसाधित करने में 200-250 लीटर पानी लगता है।
निर्मलकर ने दावा किया कि प्रयोगशाला की रिपोर्टों से पता चलता है कि पानी में फैला हुआ ‘एयर नैनो बबल’ पानी की खपत और रासायनिक मात्रा को 90-95 प्रतिशत तक कम कर सकता है।