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22 एफआईआर 14 गिरफ्तारियां ; बाहरी एजेंट पकड़ से दूर

पंजाब से महिलाओं की ओमान में तस्करी

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आेमान से बचाई गयी महिलाएं। (फाइल फोटो)
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अपर्णा बनर्जी/ ट्रिन्यू

जालंधर, 6 जुलाई

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ओमान भेजी गईं असहाय महिलाओं की तस्करी के मामलों की जांच के लिए गत 26 मई को पंजाब में विशेष जांच दल गठित होने के बाद एक महीने से अधिक समय के दौरान 22 एफआईआर दर्ज की गई हैं और राज्य में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सात आरोपियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया है। हालांकि, हैदराबाद, केरल, दिल्ली, भुवनेश्वर और संयुक्त अरब अमीरात के एजेंटों को लेकर जांच में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई। पुलिस ने पंजाब के बाहर के जिन एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उनमें से किसी को भी अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

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पंजाब में गिरफ्तार किए गए 14 आरोपियों व एजेंटों में 11 महिलाएं और तीन पुरुष हैं। कुल 22 एफआईआर में से जालंधर जिले (सभी ग्रामीण) में सबसे अधिक 6 दर्ज की गई हैं। इसके बाद फिरोजपुर में 5, होशियारपुर में 4, लुधियाना ग्रामीण व तरनतारन में 2-2, बठिंडा, एसबीएस नगर और मोगा में एक-एक एफआईआर दर्ज की गई है। गिरफ्तार किए गए 14 एजेंटों में से 5 को जालंधर (ग्रामीण) से पकड़ा गया है, इसके बाद बठिंडा से 3, फिरोजपुर व तरनतारन से 2-2 और मोगा व लुधियाना (ग्रामीण) एक-एक गिरफ्तारी हुई है।

आईजी कौस्तुभ शर्मा ने कहा, ‘राज्य में गिरफ्तार किए गये 14 लोग ज्यादातर सब एजेंट हैं। हमारी टीमों ने हैदराबाद के एजेंट अब्दुल्ला और दिल्ली के एक अन्य एजेंट के संबंध में छापेमारी की है। एक अन्य एजेंट का भुवनेश्वर में पता चला था। सूचना है कि दिल्ली का एजेंट भी अब भुवनेश्वर चला गया है। जानकारी के अनुसार हैदराबाद का एजेंट संयुक्त अरब अमीरात चला गया है। हम इन एजेंटों की पूरी जानकारी जुटा रहे हैं।’

दुबई में अच्छी नौकरी का झांसा : एसआईटी की जांच के अनुसार, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को दुबई में अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा देकर फंसाया जाता था, लेकिन इसके बजाय उन्हें ओमान भेज दिया जाता था। उन्हें वर्क वीजा देने का वादा किया गया था, लेकिन पर्यटक वीजा पर भेज दिया गया। ज्यादा वेतन, अच्छी नौकरी के वादे के उलट महिलाओं को ओमान में ऐसे काम में धकेल दिया गया, जहां न काम के घंटों की कोई सीमा थी और न वेतन। एक बार खाड़ी में फंसने के बाद, लौटने के इच्छुक लोगों से कहा गया कि अगर वे काम की स्थिति से खुश नहीं हैं तो उन्हें भारत वापस भेजने के लिए भारी भुगतान करना होगा। उन पर खर्च किये गये धन की वसूली के बहाने उन्हें एक प्रकार से बंधुआ बनने पर मजबूर किया गया। जांच में यह भी पाया गया है कि महिलाओं को ट्रैवल एजेंटों के पास भेजने के लिए उप-एजेंटों को कमीशन मिलता था।

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