चंडीगढ़, 2 दिसंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता पर कड़ा प्रहार किया और पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों के 2 अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को जबरन सेवानिवृत्त कर दिया। जानकारी के अनुसार, हरियाणा के नूंह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरीश गुप्ता, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार के साथ जबरन रिटायरमेंट दी गई। इसके अलावा चीफ जस्टिस और अन्य जजों की फुल कोर्ट ने दो जिला एवं सत्र न्यायाधीशों और 10 अन्य न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक प्रक्रिया शुरू की है। फुल कोर्ट ने बठिंडा के अतिरिक्त सिविल जज अजय मित्तल की 2 वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने को मंजूरी प्रदान की है। जबकि अबोहर के मैजिस्ट्रेट हरप्रीत सिंह को चेतावनी दी है। माना जा रहा है कि कुल मिलाकर दोनों प्रदेशों के 16 न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एक साल के अंदर ही यह दूसरी बार है जब चीफ जस्टिस रवि शंकर झा के रहते हाईकोर्ट ने अधीनस्थ न्यायाधीशों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है।