नयी दिल्ली, 25 नवंबर (एजेंसी)
केंद्र ने बृहस्पतिवार को सुप्रीमकोर्ट में कहा कि उसने नीट में परास्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए दाखिले में आरक्षण के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) की श्रेणी निर्धारित करने के लिए तय 8 लाख रुपये की सालाना आय की सीमा पर फिर से गौर करने का फैसला लिया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ को सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी निर्धारित करने के लिए मानदंड तय करने के वास्ते एक समिति गठित की जाएगी और समिति को यह काम करने के लिए 4 हफ्तों का वक्त लगेगा। उन्होंने कहा कि अदालत में पहले दिए आश्वासन के अनुसार नीट (पीजी) काउंसिलिंग और 4 हफ्तों के लिए स्थगित की जाती है।
शीर्ष न्यायालय छात्रों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिसमें मौजूदा अकादमिक वर्ष के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-पीजी) में चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए दाखिले में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए केंद्र तथा मेडिकल काउंसिलिंग कमिटी के 29 जुलाई के नोटिस को चुनौती दी गयी है। न्यायालय ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 6 जनवरी की तारीख तय कर दी।