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पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून का हिंसक विरोध, पिता-पुत्र की मौत

मुर्शिदाबाद में 118 लोग गिरफ्तार, वाहन फूंके, सुरक्षा बलों पर पथराव

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कोलकाता, 12 अप्रैल (एजेंसी)

पश्चिम बंगाल में नये वक्फ कानून के हिंसक विरोध में दो लोगों की मौत हो गयी। मुर्शिदाबाद में जहां पिता-पुत्र की मौत हो गयी, वहीं 118 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों के वाहनों समेत अनेक वाहन फूंक दिए। साथ ही पथराव भी किया।

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पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि हिंसा प्रभावित क्षेत्र में एक घर में पिता और पुत्र के शव बरामद किए गए। उनके शरीर पर चाकू से वार के निशान थे। परिवार ने आरोप लगाया कि बदमाशों ने उनके घर में लूटपाट की और दोनों पर चाकू से प्रहार कर दिया। माना जा रहा है कि हिंसक विरोधियों में से ही कुछ लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया है।

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लागू नहीं करेंगे नया कानून : ममता बनर्जी

इस बीच, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘सभी धर्मों के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि कृपया शांत रहें, राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं, याद रखें, हमने वह कानून नहीं बनाया। राज्य में कानून लागू नहीं करेंगे। यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है, इसलिए आप जो जवाब चाहते हैं, वह केंद्र सरकार से मांगना चाहिए।’

केंद्रीय बल तैनात किया जाए : कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती का आदेश दिया। जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह आदेश दिया। केंद्रीय बल राज्य प्रशासन के साथ समन्वय में काम करेंगे। मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को निर्धारित की गई है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस ने जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की विशेष पीठ का गठन किया था।

शुभेंदु अधिकारी ने की एनआईए जांच की मांग

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर प्रदर्शनकारियों द्वारा रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और तोड़फोड़ किये जाने की जांच एनआईए को सौंपने की मांग की।

मायावती और कांग्रेस में वार-पलटवार

लखनऊ/नयी दिल्ली : बसपा प्रमुख मायावती ने ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ‘वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में हुई लंबी चर्चा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा कुछ नहीं बोलना क्या उचित है, जबकि विपक्ष सीएए की तरह इसे संविधान के उल्लंघन का मामला बता रहा है। मुस्लिम समाज में आक्रोश व इनके ‘इंडिया’ गठबंधन में बेचैनी स्वाभाविक है।’ उधर, कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद दानिश अली ने बसपा प्रमुख मायावती पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि ‘यह इत्तेफाक है, या यह हमेशा की तरह दबाव’ कि वह अपने एकमात्र सांसद (राज्यसभा) रामजी गौतम से राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ वोट क्यों नहीं करा पाई।’ उधर, भाजपा ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी हिंदू विरोधी हिंसा भड़का रही हैं। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि इस अधिनियम का पूरे देश में स्वागत किया गया और कुछ स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हुए लेकिन पश्चिम बंगाल में आंदोलन के दौरान अनियंत्रित हिंसा हो रही है।

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