नयी दिल्ली, 18 सितंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को सोमवार को निर्देश दिया कि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक शिवसेना विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसले के लिए समय सीमा के बारे में एक सप्ताह के भीतर बताएं।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के फैसले और उचित समय सीमा के भीतर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने के लिए अध्यक्ष को जारी निर्देश का उल्लेख किया। पीठ ने कहा कि अध्यक्ष को शीर्ष अदालत की गरिमा का सम्मान और उसके फैसले का पालन करना होगा।
पीठ ने कहा कि संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अध्यक्ष एक न्यायाधिकरण है और एक न्यायाधिकरण के रूप में, वह अदालत के अधिकार क्षेत्र के प्रति उत्तरदायी है। उसने कहा कि 11 मई के फैसले के बाद लंबित अयोग्यता याचिकाओं के बारे में कुछ नहीं किया गया है। पीठ ने कहा, ‘अब हम निर्देश देते हैं कि कार्यवाही पूरी करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करते हुए अध्यक्ष द्वारा एक सप्ताह के भीतर प्रक्रियात्मक निर्देश जारी किए जायें।’
भाजपा के साथ मिलकर बनाई थी सरकार
शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने जून, 2022 में महाराष्ट्र में नयी सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया था। शिवसेना (यूबीटी) गुट ने इन विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है। अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में 2022 में शिंदे और अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर करने वाले सुनील प्रभु की याचिका में आरोप लगाया गया है कि अध्यक्ष राहुल नार्वेकर जानबूझकर फैसले में देरी कर रहे हैं।