वाशिंगटन, 19 अक्तूबर (एजेंसी)नीरव मोदी को झटका देते हुए अमेरिका की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी और उसके दो साथियों की उस याचिका को ठुकरा दिया जिसमें उन्होंने तीन कंपनियों के एक न्यासी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज करने के अनुरोध किया था। तीन अमेरिकी कंपनियों फायरस्टार डायमंड, फैंटेसी इंक और ए जैफ के अदालत द्वारा नियुक्त न्यासी रिचर्ड लेविन ने न्यूयॉर्क की एक अदालत में ये आरोप लगाए हैं। पहले इन तीनों कंपनियों का स्वामित्व अप्रत्यक्ष रूप से 50 वर्षीय नीरव मोदी के पास था। लेविन ने मोदी और उसके साथियों मिहिर भंसाली एवं अजय गांधी को कर्ज देने वालों को हुए ‘‘नुकसान” के लिए 1.5 करोड़ डॉलर का न्यूनतम मुआवजा भी मांगा है। दिवालिया होने संबंधी मामलों की सुनवाई कर रही न्यूयॉर्क की अदालत के न्यायाधीश सीन एच लेन ने यह आदेश जारी किया जो भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी और उसके साथियों के लिए एक झटका है। ब्रिटेन की एक जेल में बंद नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में धोखाधड़ी और धन शेाधन के आरोपों का सामना करने के लिए प्रत्यर्पण के भारत के प्रयासों को चुनौती दे रहा है।
भारतीय अमेरिकी वकील ने बताया कि नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक और अन्य से एक अरब डॉलर की धोखाधड़ी की योजना बनाकर कंपनी के शेयर मूल्य को गलत तरीके से बढ़ाने के लिए अतिरिक्त बिक्री के तौर पर मुनाफा फिर से अपनी कंपनी में ही लगाया। लेकिन वे बैंक धोखाधड़ी के जरिये अपनी कंपनियों से गलत तरीके से प्राप्त धन को हासिल करने के लिए तथा अपने निजी फायदे के वास्ते धन की निकासी को छिपाने के लिए एक और धोखाधड़ी में शामिल हो गए और उन्होंने इसे इस तरह दिखाया जैसे यह सामान्य व्यापारिक लेनदेन हो।”