लखनऊ, 5 दिसंबर (एजेंसी)
उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा और रामपुर एवं खतौली विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए सोमवार को मैनपुरी में अपराह्न एक बजे तक करीब 31.64 प्रतिशत मतदान हो चुका था जबकि खतौली में करीब 33.20 प्रतिशत और रामपुर में लगभग 19.01 प्रतिशत लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके थे। इन उपचुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) एवं राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला हो रहा है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने इन उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। उपचुनाव का मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ जो शाम 6 बजे तक चलेगा। परिणामों की घोषणा आगामी आठ दिसंबर को की जाएगी। समाजवादी पार्टी ने अनेक स्थानों पर मतदान के दौरान धांधली का आरोप लगाया है। पार्टी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर निर्वाचन आयोग से शिकायत की है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस तथा प्रशासन पर मैनपुरी लोकसभा और रामपुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान मतदाताओं को वोट डालने से रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग इससे जुड़ी शिकायतों को नजरअंदाज कर रहा है। यादव ने मैनपुरी में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ”आखिर पुलिस को क्या हिदायत दी गयी है? उनसे कहा गया है कि मैनपुरी में लोगों को मतदान से रोकें। रामपुर में भी प्रशासन लोगों को वोट नहीं डालने दे रहा। हर हथकंडा अपनाया जा रहा है, ताकि लोग वोट डालने के लिये बाहर ही न निकलें। भाजपा को पूरी छूट दी गयी है। वे शराब बांट रहे हैं और सपा को नुकसान पहुंचाने के लिये हर तरीका अपना रहे हैं।” सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया,”मैनपुरी के जिलाधिकारी फोन नहीं उठा रहे हैं और उन्होंने अपना फोन किसी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को दे रखा है। आखिर कोई अधिकारी ऐसा कैसे कर सकता है। खासकर तब, जब चुनाव हो रहा हो।” उन्होंने कहा, ”निर्वाचन आयोग को कुछ दिखायी ही नहीं दे रहा है। वह हमारी शिकायतों को नजरअंदाज कर रहा है। वे वही कर रहे हैं जो सरकार ने उनसे कहा है।” सपा द्वारा लगाये गए आरोपों के बारे में पूछे जाने पर भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि सपा के तमाम इल्जाम झूठे हैं और उसे तीनों ही सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ेगा। उधर, भाजपा ने भी मैनपुरी में सपा पर मतदान को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए कई ट्वीट किये। पार्टी ने मैनपुरी विधानसभा के मतदान केंद्र संख्या 370 पर सपा के पक्ष में जबरन मतदान कराये जाने तथा कई अन्य केंद्रों पर मतदान को प्रभावित करने के भी आरोप लगाये। मैनपुरी लोकसभा सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई है। वहीं, रामपुर सदर विधानसभा सीट आजम खां को नफरत भरा भाषण देने के मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने और खतौली सीट भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के कारण उनकी सदस्यता रद्द होने के चलते रिक्त हुई है। मैनपुरी लोकसभा और रामपुर सदर विधानसभा क्षेत्र अरसे से समाजवादी पार्टी के गढ़ रहे हैं। लिहाजा उसके लिए यह उपचुनाव दूरगामी संदेश लेकर आएंगे। हालांकि इन उपचुनावों का केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि दोनों ही जगह भाजपा के पास पूर्ण बहुमत से ज्यादा का संख्या बल है। मगर इन उपचुनाव में हार-जीत का मनोवैज्ञानिक असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, मैनपुरी में जहां छह उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं, रामपुर में सदर में 10 तथा खतौली में 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू और सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं। वहीं, भाजपा की तरफ से रघुराज सिंह शाक्य चुनाव लड़ रहे हैं।