जम्मू, 13 जनवरी (हप्र/एजेंसी)
दो महीनों के अंतराल में भारतीय सुरक्षाबलों ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एक और सुरंग का पता लगाया है। यह सुरंग कठुआ के हीरानगर में मिली है। इसी सेक्टर में पिछले कुछ हफ्तों से पाक रेंजर जबरदस्त गोले बरसा रहे थे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल 4-5 नवंबर की रात को अरनिया के पिंडी चाढ़का में भी एक सुंरग मिली थी। अधिकारी कहते हैं कि पाकिस्तान ने जिला कठुआ के हीरानगर सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के रास्ते आतंकियों की घुसपैठ कराने के इरादे से सुरंग का निर्माण किया था जिसका बीएसएफ के सतर्क जवानों ने पता लगा लिया है।
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, एक अभियान के दौरान सुबह बोबिया गांव में इस सुरंग का पता चला। सूत्रों का कहना है कि इस सुरंग की लंबाई करीब 150 मीटर है। साथ ही सुरंग से सीमेंट की बोरियां भी बरामद हुई हैं, जिन पर पाकिस्तान के कराची शहर का मार्का है। पाकिस्तान की पोस्ट के ठीक सामने से इस सुरंग को खोदा गया है।
पाकिस्तानी संगठनों का हाथ
बीएसएफ के महानिरीक्षक (जम्मू फ्रंटियर) एनएस जमवाल ने कहा, ‘इसके दूसरी तरफ पाकिस्तान का शकरगढ़ इलाका है जो आतंकवादियों के ठिकानों के लिए कुख्यात है। हमारे पास सूचनाएं हैं जिसके चलते हम यहां होने वाली गतिविधियों को लेकर सतर्क थे।’ उन्होंने कहा कि बोरियों पर मिले पाकिस्तानी चिन्ह इस सुरंग के निर्माण में पाकिस्तानी संगठनों का हाथ होने का साक्ष्य पेश करते हैं जोकि पिछली बार पता लगाई गई सुरंगों की तरह ही 25 से 30 मीटर गहरी और दो से तीन फुट व्यास की हैं। सुरंग हाल-फिलहाल में बनाई गई है या पुरानी है, उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है। हालांकि, रेत की बोरियों पर उत्पादन वर्ष 2016-17 है, ऐसे में यह पुरानी भी हो सकती है। जमवाल ने कहा कि बीएसएफ इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है कि फिलहाल इस सुरंग से घुसपैठ नहीं हुई।