नयी दिल्ली, 2 मई (एजेंसी)
चार राज्यों और केंद्र शासित पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनावों के रविवार को आये नतीजों में पश्चिम बंगाल, असम और केरल में सत्तारूढ़ दल फिर से सरकार बनाने जा रहे हैं। वहीं, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विपक्षी दलों के गठबंधन सत्ता संभालेंगे। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने जीत की हैट्रिक लगाई है। हालांकि, ममता को नंदीग्राम विधानसभा सीट पर अपने पूर्व सिपहसालार शुभेंदु अधिकारी से कांटे के मुकाबले में 1956 वाेटों से हार का सामना करना पड़ा।
असम में भाजपा और केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की सत्ता में वापसी हुई है। तमिलनाडु में विपक्षी द्रमुक की अगुवाई वाले गठबंधन ने अन्नाद्रमुक को सत्ता से बेदखल कर दिया है। केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में एआईएनआरसी नीत राजग ने जीत दर्ज की है।
सबसे ज्यादा चर्चा पश्चिम बंगाल के चुनाव की रही। वहां तृणमूल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में आक्रामक चुनाव प्रचार किया, तो भाजपा ने वहां पहली बार सत्ता में आने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के कई दूसरे बड़े चेहरों ने धुआंधार प्रचार किया। कई दशकों तक पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज रहे वाम दलों और कांग्रेस का इस चुनाव में सफाया हो गया। अंतिम सूचना मिलने तक पश्चिम बंगाल की 292 सीटों में से तृणमूल कांग्रेस 202 सीटों पर बढ़त के साथ राज्य में सत्ता पर फिर से काबिज हो रही है, जबकि भाजपा 81 सीटों पर जीत रही है। वामदल, कांग्रेस और आईएसएफ गठबंधन को महज 2 सीटें मिलीं। पिछले विधानसभा चुनाव में महज 3 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन वह अपने अभियान में सफल नहीं हो सकी। कड़ा मुकाबला होने के अनुमानों को धता बताते हुए, तृणमूल कांग्रेस तेजी से प्रचंड जीत की ओर बढ़ी।
असम : यहां भाजपा की अगुवाई वाली राजग एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। अंतिम सूचना तक 126 सीटों में से 75 राजग के नाम रहीं। कांग्रेस की अगुवाई वाला ‘महाजोत’ असम में सिर्फ 46 सीटों पर बढ़त बना सका। चुनाव नतीजों से खुश असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाला ने कहा, ‘हम अपने साथियों असम गण परिषद और यूपीपीएल के साथ एक बार फिर से सत्ता में आ रहे हैं।’
केरल : पिछले 4 दशकों की यह परिपाटी टूट गयी कि हर 5 साल में सत्ता परिवर्तन होगा। माकपा की अगुवाई वाले एलडीएफ ने फिर से जीत हासिल की है। अंतिम सूचना मिलने तक उसने 140 में से 70 सीटें जीत ली हैं और 29 पर बढ़त बनाए हुए है। वहीं, यूडीएफ 32 सीटें जीत चुका है और 9 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। भाजपा का खाता भी नहीं खुला। ‘मेट्रोमैन’ के नाम से मशहूर ई श्रीधरन चुनाव हार गए।
तमिलनाडु : एक दशक तक सत्ता में रहने के बाद अन्नाद्रमुक की हार हुई है। वह 234 सदस्यीय विधानसभा की सिर्फ 80 सीटों पर बढ़त बना पायी। विपक्षी द्रमुक की अगुवाई वाला गठबंधन सरकार बनाने जा रहा है। इसमें द्रविड़ मुनेत्र कषगम ने 121, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने 16 सीटों पर बढ़त बनाई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बनने जा रहे द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि वह ईमानदारी से काम करेंगे।