देहरादून/नयी दिल्ली, 19 अक्तूबर (एजेंसी)
उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश के कारण हुए हादसाें में मंगलवार को 23 और लोगों की मौत हो गयी। उधर, उत्तर प्रदेश में भी बारिश से जुड़ी घटनाओं में 4 लोग मारे गये। वहीं, केरल में भारी बारिश की वजह से कई बांध भर गये हैं और कई जिलों को अलर्ट किया गया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने चारधाम यात्रियों से फिर अपील की कि वे जहां हैं, वहीं रुक जाएं और मौसम में सुधार होने से पहले यात्रा शुरू न करें। धामी ने देहरादून में पत्रकारों को बताया कि बादल फटने और भूस्खलनों के बाद कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है।
राज्य आपात अभियान केंद्र (एसईओसी) के अनुसार मंगलवार को राज्य में वर्षा जनित हादसों में 18 लोगों की मौत नैनीताल में हुई, अल्मोड़ा में 3, चंपावत और उधमसिंह नगर जिलों में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु की खबर है। इससे पहले सोमवार को 5 लोगों की मौत की खबर थी। बारिश के कारण कई मकान ढह गये और कई लोग मलबे में फंस गये। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों से 300 से अधिक लोगों को बचाया है। एनडीआरएफ ने राज्य में 15 दल तैनात किये हैं।
कई भूस्खलनों के कारण नैनीताल तक जाने वाली 3 सड़कों के अवरुद्ध होने की वजह से इस लोकप्रिय पर्यटक स्थल का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है। नैनीताल में मॉल रोड और नैनी झील के किनारे पर स्थित नैना देवी मंदिर में बाढ़ आ गयी है, जबकि भूस्खलनों के कारण एक हॉस्टल की इमारत को नुकसान पहुंचा है। भूस्खलनों से शहर से बाहर जाने का रास्ता अवरुद्ध हो गया है। रामनगर-रानीखेत मार्ग पर लेमन ट्री रिजॉर्ट में करीब 100 लोग फंस गए हैं और कोसी नदी का पानी रिजॉर्ट में घुस रहा है। नैनीताल जिले में बिजली, दूरसंचार और इंटरनेट संपर्क भी बाधित है।
राज्य आपात अभियान केंद्र ने बताया कि नैनीताल में 90 मिलीमीटर, हल्द्वानी में 128 मिमी, कोश्याकुटोली में 86.6 मिमी, अल्मोड़ा में 216.6 मिमी, द्वाराहाट में 184 मिमी और जागेश्वर में 176 मिमी बारिश हुई।