नयी दिल्ली, 23 सितंबर (एजेंसी)
कांग्रेस ने संसद के नये भवन के डिजाइन को लेकर शनिवार को सवाल खड़े करते हुए दावा किया कि दोनों सदनों के बीच समन्वय खत्म हो गया है और इसमें घुटन महसूस होती है, जबकि पुराने भवन में खुलेपन का अहसास होता था। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि 2024 में सत्ता परिवर्तन के बाद शायद नये संसद भवन का बेहतर उपयोग हो सकेगा।
नये संसद भवन में दोनों सदनों की कार्यवाही विशेष सत्र में 19 सितंबर से शुरू हुई। पुराने भवन को ‘संविधान सदन’ नाम दिया गया है। जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘इतने भव्य प्रचार-प्रसार के साथ उद्घाटन किया गया। नया संसद भवन प्रधानमंत्री के उद्देश्यों को स्पष्ट रूप से दिखाता है। इसे ‘मोदी मल्टीप्लेक्स’ या ‘मोदी मैरियट’ कहा जाना चाहिए। चार दिन में मैंने देखा कि दोनों सदनों के अंदर और लॉबी में बातचीत एवं संवाद खत्म हो गया है।’ उन्होंने दावा किया, ‘हॉल के कंपैक्ट नहीं होने की वजह से एक-दूसरे को देखने के लिए दूरबीन की आवश्यकता महसूस होती है। पुराने संसद भवन की कई विशेषताएं थीं। एक विशेषता यह भी थी कि वहां बातचीत और संवाद की अच्छी सुविधा थी। दोनों सदनों, सेंट्रल हॉल और गलियारों के बीच आना-जाना आसान था। नया भवन संसद के संचालन को सफल बनाने के लिए आवश्यक जुड़ाव को कमजोर करता है। दोनों सदनों के बीच आसानी से होने वाला समन्वय अब अत्यधिक कठिन हो गया है।’
रमेश ने दावा किया, ‘मैंने सचिवालय के कर्मचारियों से यह भी सुना है कि नये भवन के डिजाइन में उन्हें काम में मदद करने के लिए आवश्यक विभिन्न व्यावहारिकताओं पर विचार नहीं किया गया है। ऐसा तब होता है जब भवन का उपयोग करने वाले लोगों के साथ ठीक से परामर्श नहीं किया जाता है।’
‘नफरत’ की नयी संस्कृति की गवाह बनी सात सितारा इमारत : सिब्बल
राज्यसभा के सदस्य कपिल सिब्बल ने बहुजन समाज पार्टी के नेता एवं सांसद दानिश अली के खिलाफ लोकसभा सदस्य रमेश बिधूड़ी के आपत्तिजनक बयानों की शनिवार को निंदा करते हुए कहा कि संसद की ‘सात सितारा इमारत’ नफरत की नयी संस्कृति के उद्घाटन की साक्षी बनी। लोकसभा में बिधूड़ी ने बृहस्पतिवार को दानिश अली पर निशाना साधते हुए कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जिनसे बड़ा विवाद पैदा हो गया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने भाजपा नेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सिब्बल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा करते हुए दानिश अली के खिलाफ बिधूड़ी द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों का जिक्र किया और इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह की चुप्पी पर सवाल उठाया।