हरीश लखेड़ा/ ट्रिन्यू
नयी दिल्ली : नये कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच जारी गतिरोध शीघ्र ही टूटने के आसार हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ इस मसले पर चर्चा की। शाह के आवास पर हुई इस बैठक में वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश भी मौजूद थे। इससे पहले शाह ने पंजाब भाजपा के नेताओं के साथ बैठक की और किसान आंदोलन को लेकर फीडबैक लिया। इससे सरकार और किसान संगठनों के बीच अगले दौर की बातचीत शीघ्र होने की संभावना बढ़ गई है। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि हम किसानों और उनके प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं और लगता है कि शीघ्र ही बैठक होगी। उन्होंने कहा कि यदि किसान दो कदम आगे बढ़ेगा तो दो कदम सरकार भी बढ़ेगी। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इन लोगों ने तो 60 साल सिर्फ राजनीति की थी और आज भी ये किसान का इस्तेमाल कर आगे बढ़ना चाहते हैं।
केंद्र सरकार की कोशिश है कि किसानों को फिर से वार्ता की मेज पर लाया जाए। किसान संगठन भी बातचीत की इच्छा जता चुके हैं, लेकिन वे तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। जबकि सरकार साफ कर चुकी है कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे। सरकार संशोधनों के लिए तैयार है।
बहरहाल, सरकार और भाजपा इन कानूनों को लेकर अपना पक्ष रखने में जुटे हैं। दोनों यह बताने की कोशिश में लगे हैं कि इस आंदोलन में अब हार्ड कोर वामपंथी हावी हो गये हैं। रविवार को कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार मीडिया में अपना पक्ष रखने में लगे रहे। इसके साथ ही भाजपा देशभर में प्रेस काॅन्फ्रेंस और कृषि चौपाल आयोजित कर रही है।
दूसरी ओर पंजाब के कांग्रेस सांसदों का दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना जारी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर भी रविवार को इस धरने में शामिल हुए।
केजरीवाल भी करेंगे उपवास
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वे किसानों के समर्थन में सोमवार को एक दिन का उपवास रखेंगे। उन्होंने लोगों से भी किसानों के समर्थन में उपवास रखने की अपील की। केजरीवाल ने कहा कि जिस तरह कभी कांग्रेस सरकार अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान उन्हें बदनाम करती थी, ठीक उसी तरह किसान आंदोलन को अब भाजपा बदनाम कर रही है। केजरीवाल ने चेताया कि कोई भी इस देश के किसानों को देश विरोधी कहने की हिम्मत न करे।