नयी दिल्ली, 3 अगस्त (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कागज फाड़ने और उसके टुकड़े कर हवा में लहराने तथा विधेयकों के पारित किए जाने के तौर तरीकों के लिए ‘‘आपत्तिजनक” टिप्पणियां करने के लिए मंगलवार को विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि अपने आचरण से वह संविधान, संसद और जनता का ‘‘अपमान” कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं। मानसून सत्र में यह संसदीय दल की तीसरी बैठक थी, जिसे प्रधानमंत्री ने संबोधित किया। अपने पूर्व के संबोधनों में भी संसद में हंगामे के लिए विपक्षी दलों पर वह निशाना साध चुके हैं।
ज्ञात हो कि पेगासस जासूसी विवाद और तीन केंद्रीय कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण मानसून सत्र के पहले दोनों सप्ताह की कार्यवाही बाधित हुई और अब तक सदन में कोई खास कामकाज नहीं हो सका। हालांकि हंगामे के बीच ही सरकार कुछ विधेयकों को पारित कराने में सफल रही। संसदीय दल की बैठक में अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा कोटा योजना में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) छात्रों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करने के लिए प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया गया। पिछले दिनों इसकी घोषणा की गई थी।
बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘कल तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने ट्वीट किया था। प्रधानमंत्री ने इसे जनता का अपमान बताया और कहा कि जनता ही सांसदों को चुनती है। प्रधानमंत्री ने इस बयान पर नाराजगी जताई…पापड़ी-चाट बनाने की बात करना अपमानजनक बयान है। कागज छीन लेना और उसके टुकड़े कर फेंकना और माफी भी न मांगना उनके अहंकार को दर्शाता है।’
ज्ञात हो कि तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने सरकार पर जल्दबाजी में विधेयकों को पारित कराने का आरोप लगाते हुए सोमवार को दावा किया कि सात-सात मिनट में एक विधेयक पारित कराया गया। ओ’ब्रायन ने एक ट्वीट में कहा था, ‘‘पहले 10 दिनों में संसद में कमाल! मोदी-शाह ने 12 विधेयक पारित कराये और इसका औसत समय सात मिनट प्रति विधेयक है।”उन्होंने कहा, ‘‘ विधेयक पारित करा रहे हैं या पापड़ी चाट बना रहे हैं।”