बरपेटा, 5 फरवरी (एजेंसी)
असम के एक चाय विक्रेता ने पहले ही प्रयास में नीट उत्तीर्ण कर एम्स-दिल्ली में सीट हासिल की है। राज्य के बजली जिले के निवासी 24 वर्षीय राहुल दास के लिए अपनी मां द्वारा संचालित दुकान में ग्राहकों को चाय परोसना और इसके साथ ही पढ़ाई करना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन उन्होंने इन चुनौतियों का सामना किया और अपना लक्ष्य प्राप्त करने में सफल रहे। दास ने वर्ष 2015 में बारहवीं की परीक्षा पास की थी और फिर पैसों के अभाव में पढ़ाई छोड़ दी थी। हालांकि, उच्च शिक्षा के लिए उत्साह के चलते दो साल बाद दास प्लास्टिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी पहुंच गए। दास ने तीन साल बाद 85 प्रतिशत अंकों के साथ इस पाठ्यक्रम में सफलता अर्जित की और गुवाहाटी में एक बहु-राष्ट्रीय कंपनी में ‘क्वालिटी इंजीनियर’ के रूप में अक्तूबर 2020 में नौकरी
शुरू की।
उन्होंने कहा कि नौकरी से कोई संतुष्टि नहीं थी… मैं हमेशा से एक डॉक्टर बनना चाहता था। मैंने अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया और जो भी संसाधन हमारे पास थे, उनसे नीट की तैयारी शुरू कर दी। ये संसाधन ऑनलाइन उपलब्ध थे क्योंकि मेरे पास किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। दास को एक हाथ को जलने से नुकसान पहुंचा था। उन्होंने कहा कि नीट में उन्हें 12,068 वां स्थान मिला है, लेकिन उनके अनुसूचित जाति और दिव्यांगता प्रमाणपत्रों ने उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में प्रवेश दिलाने में मदद की।
दास ने कहा, ‘मां की दुकान मंटू कुमार शर्मा के स्वामित्व वाली जमीन पर है, जिनकी पटाचरकुची चौक पर हार्डवेयर की एक बड़ी दुकान है। लेकिन उन्होंने हमसे कभी किराया नहीं लिया। वास्तव में, उन्होंने अब दिल्ली के लिए मेरा टिकट बुक कराया है। वहीं जिला उपायुक्त भारत भूषण देवचौधरी ने कहा कि हमें राहुल पर गर्व है, क्योंकि वह एम्स, नयी दिल्ली में सीट पाने वाले बजली जिले के पहले व्यक्ति हैं। देवचौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि दास की पढ़ाई का सारा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।