नयी दिल्ली, 16 सितंबर (एजेंसी)
भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच पिछले हफ्ते मास्को में हुई वार्ता से पहले पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को डराने के लिए पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर हवा में ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं थी। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना फिंगर 4 के रिजलाइन पर हुई, जहां भारतीय थल सेना झील के दक्षिणी तट पर कई अहम चोटियों पर काबिज होने के बाद अपनी तैनाती बढ़ा रही है।
सूत्रों ने बताया कि चीन की ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के सैनिक एक भारतीय मोर्चे की ओर आक्रामक तरीके से बढ़े और कुछ समय बाद लौट गये। चौकन्ने भारतीय सैनिक अपने मोर्चे पर दृढ़ता से डटे रहे। उन्होंने बताया कि चीनी सैनिकों ने चेतावनी देते हुए 100-200 गोलियां चलाईं। मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से अलग पिछले बृहस्पतिवार विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी की बैठक से पहले यह घटना हुई। इस वार्ता में दोनों पक्ष सीमा गतिरोध का हल करने के लिए पांच सूत्री सहमति पर पहुंचे थे।
गौर हो कि इससे पहले 7 सितंबर की शाम रेजांग-ला रिजलाइन के मुखपारी इलाके में भी भारतीय मोर्चे के पास फायरिंग की गयी थी। दोनों पक्षों ने हवा में गोली चलाने का एक-दूसरे पर आरोप लगाया था। चीनी सैनिकों ने भारतीय मोर्चे के नजदीक पहुंचने की नाकाम कोशिश की थी। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 45 साल में गोली चलने का यह मामला था।
तनाव बढ़ने के बीच भारत ने पैंगोंगे झील के दक्षिणी तट पर कई पर्वत चोटियों पर तैनाती की है। क्षेत्र में फिंगर 2 और फिंगर 3 इलाकों में अपनी मौजूदगी मजबूत की गयी है। चीन फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच के इलाकों पर कब्जा कर रहा है। इस इलाके में फैले पर्वतों को फिंगर कहा जाता है। चीन ने भारत के कदम का पुरजोर विरोध किया है। हालांकि, भारत यह कहता रहा है कि ये चोटियां एलएसी के इस ओर हैं।