
फाइल फोटो
नयी दिल्ली, 30 नवंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या से जुड़े अवमानना मामले में अंतिम सुनवाई अगले साल 18 जनवरी को होगी, जो अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण बकाया मामले में आरोपी है। जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एसआर भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने ‘काफी लंबा' इंतजार किया है। पीठ ने कहा, ‘हम अब और इंतजार नहीं कर सकते।' पीठ ने कहा कि माल्या को 2017 में अवमानना का दोषी ठहराया गया था। पीठ ने कहा कि माल्या दलीलें पेश करने को स्वतंत्र हैं और यदि किसी कारण से वह न्यायालय में पेश नहीं हो सकता है तो वकील उसकी ओर से दलीलें पेश कर सकते हैं। पीठ ने कहा, ‘हम करना यह चाहते हैं, हम इस मामले को निस्तारण के लिए जनवरी के दूसरे सप्ताह में सूचीबद्ध करेंगे, क्योंकि हमने काफी लंबा इंतजार किया है, हम अब और इंतजार नहीं कर सकते। इस मामले का किसी न किसी चरण पर निपटारा होना है और प्रक्रिया समाप्त होनी चाहिए।' शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता से मामले में न्याय मित्र के रूप में सहायता करने का अनुरोध किया। इस साल 18 जनवरी को केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि सरकार माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है, लेकिन कुछ कानूनी मुद्दों के कारण प्रक्रिया में देरी हो रही है। शीर्ष अदालत ने इससे पहले विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उसने न्यायालय के 2017 के फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया था। इस मामले मे न्यायालय ने उसे न्यायिक आदेशों का उल्लंघन करके अपने बच्चों को चार करोड़ अमेरिकी डालर हस्तांतरित करने के लिए अवमानना का दोषी ठहराया था। माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में है। वह अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण चूक मामले में एक आरोपी है। वह स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस द्वारा तामील कराये गए एक प्रत्यर्पण वारंट मामले में जमानत पर है।
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