मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

रेप मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई आपत्ति

कहा था- खुद ही मुसीबत को आमंत्रित किया
सुप्रीम कोर्ट।
Advertisement
नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (एजेंसी)

सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की हाल की टिप्पणी पर मंगलवार को आपत्ति जतायी, जिसमें कथित तौर पर कहा गया था कि शिकायतकर्ता ने ‘खुद ही मुसीबत को आमंत्रित किया।' शीर्ष अदालत ने हैरानी जताते हुए कहा कि जमानत याचिका पर फैसला करते समय हाईकोर्ट ने ऐसी टिप्पणी क्यों की। हाईकोर्ट ने हाल में बलात्कार के मामले में जमानत प्रदान करते हुए कहा था कि शिकायतकर्ता ने शराब पीकर याचिकाकर्ता के घर जाने के लिए सहमति जताकर ‘खुद ही मुसीबत को आमंत्रित किया।'

Advertisement

जस्टिस बीआर गवई ने कहा, ‘यदि कोई जमानत देना चाहता है तो ठीक है, लेकिन ऐसी टिप्पणियां क्यों की गईं कि उसने मुसीबत को खुद ही आमंत्रित किया। इस तरफ भी (पीठ को) बहुत सावधान रहना होगा।' सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आम आदमी ऐसी टिप्पणियों को कैसे लेता है, इसे ध्यान में रखना आवश्यक है। पीठ ने स्वत: संज्ञान मामले में सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।

गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के प्रयास के एक मामले में भी इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी को लेकर नाराजगी जताई थी। हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि महज स्तन पकड़ना और पायजामे का नाड़ा खींचना बलात्कार के अपराध के दायरे में नहीं आता। शीर्ष अदालत ने कहा था कि हाईकोर्ट की टिप्पणियां पूर्णतः असंवेदनशील तथा अमानवीय दृष्टिकोण वाली थीं। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के संज्ञान में मामला लाए जाने के बाद शीर्ष अदालत ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया था।

 

 

Advertisement
Show comments