नयी दिल्ली, 22 अगस्त (एजेंसी)
महाराष्ट्र में लॉकडाउन और चक्रवात निसर्ग से प्रभावित हुए गांवों के 200 से अधिक बच्चे रोजाना 50 किलोमीटर की दूरी तय करके ऐसे स्थान पर जाने के लिए मजबूर थे, जहां इंटरनेट कनेक्शन हो और वे ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ सकें। महाराष्ट्र के दूरदराज के गांवों के बच्चों को जून की शुरुआत में इंटरनेट की दिक्कतों का सामना करना पड़ा, क्योंकि रत्नागिरि जिले में इंटरनेट सेवा बाधित हो गयी थी। एक महीने बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होने पर एक छात्र ने आखिरकार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से मदद मांगी। इसके अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए सुनिश्चित किया है कि मोबाइल कंपनियों और क्षेत्र के जिलाधिकारी तक बात पहुंचाई जाए और इंटरनेट सेवा तेजी से बहाल की जाए। कानूनगो ने 25 जुलाई को जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा कि रत्नागिरि जिला का क्षेत्र चक्रवात के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ था। छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा में मुश्किलें आ रही हैं। जिलाधिकारी को 30 जुलाई को दूसरा पत्र लिखा। एनसीपीसीआर ने लगातार अधिकारियों से संपर्क बनाए रखा और आखिरकार एक कंपनी ने इंटरनेट सेवा शुरू कर दी।