Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

बठिंडा, पठानकोट, फाजिल्का, जालंधर ग्रामीण और मालेरकोटला के एसएसपी हटाए

पंजाब सहित कई जगह निर्वाचन आयोग का एक्शन

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

नयी दिल्ली, 21 मार्च (एजेंसी)

निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को असम और पंजाब में दो जिला पुलिस प्रमुखों का तबादला कर दिया, जो राजनीतिक नेताओं के रिश्तेदार हैं। आयोग के अनुसार इनमें बठिंडा (पंजाब) के एसएसपी और सोनितपुर (असम) के एसपी शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, सोनितपुर के एसपी सुशांत बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के भाई हैं, वहीं बठिंडा के एसएसपी हरमनबीर सिंह गिल खडूर साहिब से कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल के भाई हैं।

Advertisement

आयोग ने ‘बिना काडर वाले’ जिलाधिकारियों (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) या पुलिस अधीक्षकों (एसपी) का भी स्थानांतरण किया है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि ‘बिना काडर वाले’ डीएम और एसपी को इसलिए हटाया गया है क्योंकि ये पद क्रमश: आईएएस और आईपीएस के अधिकारियों के लिए हैं। जिन अन्य अधिकारियों का तबादला किया गया है, उनमें पंजाब में पठानकोट, फाजिल्का, जालंधर ग्रामीण और मालेरकोटला जिलों के एसएसपी शामिल हैं। इसी तरह गुजरात के छोटा उदयपुर और अहमदाबाद ग्रामीण जिलों के एसपी, ओडिशा में ढेंकानल के जिलाधिकारी और देवगढ़ तथा कटक ग्रामीण जिलों के पुलिस अधीक्षकों, पश्चिम बंगाल में पूर्व मेदिनीपुर, झारग्राम, पूर्व बर्द्धमान और बीरभूम जिलों के जिलाधिकारियों को भी स्थानांतरित किया गया है।

Advertisement

आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का तबादला ऐसे पद पर किया है जो चुनाव से संबंधित नहीं है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त- ज्ञानेश कुमार तथा सुखबीर सिंह संधू की बैठक के बाद अधिकारियों के स्थानांतरण का फैसला लिया गया।

व्हाट्सएप पर ‘विकसित भारत’ संदेश भेजना तुरंत बंद करें

निर्वाचन आयोग ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह ‘विकसित भारत संपर्क’ के तहत बड़ी संख्या में व्हाट्सएप संदेश भेजना तुरंत बंद करे। मामले की शिकायत मिलने के बाद आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को इस संबंध में निर्देश जारी किया। आयोग ने कहा, ‘यह कदम चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए आयोग द्वारा लिए गए निर्णयों का हिस्सा है।’ उसने मंत्रालय से इस मामले पर अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है। मंत्रालय ने आयोग को सूचित किया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पत्र के साथ जारी संदेश 16 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले भेजे गए थे।

Advertisement
×