नयी दिल्ली, 22 सितंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने त्रावणकोर शाही परिवार द्वारा संचालित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर न्यास को 25 साल के ऑडिट से छूट के लिए न्यास की याचिका बुधवार को खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने मंदिर की आय और व्यय के पिछले 25 वर्षों की लेखा-परीक्षा (ऑडिट) का आदेश दिया था। जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि लेखा परीक्षा शीघ्र अति शीघ्र पूरी हो जानी चाहिए और यदि संभव हो तो यह तीन महीने में पूरी हो जानी चाहिए।
मंदिर की प्रशासनिक समिति ने न्यास की लेखा परीक्षा का अनुरोध करते हुए न्यायालय से 17 सितंबर को कहा था कि मंदिर बहुत मुश्किल समय से जूझ रहा है और दान से खर्चा पूरा नहीं हो रहा। समिति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ से कहा था कि केरल के सभी मंदिर बंद हैं। ‘मासिक खर्च 1.25 करोड़ रुपये है, जबकि हमें मुश्किल से 60-70 लाख रुपये मिल पाते हैं इसलिए कुछ दिशा-निर्देश दिए जाएं।’ उन्होंने आरोप लगाया था कि न्यास लेखा परीक्षा के लिए अपना रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराकर अपने दायित्व से बचने की कोशिश कर रहा है।
न्यास के वकील अरविंद दातार ने तर्क दिया था कि यह शाही परिवार द्वारा बनाया गया एक सार्वजनिक न्यास है, इसकी प्रशासन में कोई भूमिका नहीं है और यह न्यास याचिका में पक्षकार नहीं है। मामले में न्यायमित्र ने न्यास का केवल जिक्र किया है। न्यायमित्र एवं वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम के सुझाव के अनुसार, न्यायालय ने प्रशासनिक समिति को पिछले 25 वर्षों से मंदिर की आय और व्यय की लेखा-परीक्षा का आदेश दिया था।