नयी दिल्ली, 29 जुलाई (एजेंसी)
पेगासस जासूसी विवाद और कृषि कानूनों को लेकर संसद में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। सदन में कांग्रेस के कुछ सदस्यों द्वारा बुधवार को कागज उछालने की घटना को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब 5 मिनट बाद ही स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार की घटना को लेकर पीड़ा व्यक्त की और सदस्यों को चेतावनी दी कि अगर भविष्य में संसद की गरिमा के प्रतिकूल घटनाएं दोहराई गयीं तो वह कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि 28 जुलाई को सदन में घटी घटना से उन्हें अत्यंत पीड़ा हुई है। आसन की ओर पर्चे और कागज फेंकना हमारी संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है। बिरला ने कहा, ‘हम संसद की गरिमा का ध्यान नहीं रखेंगे तब संसदीय लोकतंत्र कैसे बचेगा।’ लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से पूछा, ‘क्या आप कल की घटना को संसद की गरिमा के अनुरूप मानते हैं, क्या आप इसे न्यायोचित मानते हैं?’ उन्होंने कहा कि आसन के प्रति कल कुछ सदस्यों का आचरण अनुचित था। सदस्य अपने आचरण एवं मर्यादाओं का ध्यान रखें।
इस दौरान लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार अपनी जिद पर अड़ी है और विपक्ष को अपनी बात नहीं रखने दे रही। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आसन, सत्ता पक्ष, मीडिया की ओर कागज फेंके गये। क्या यही तरीका है। विपक्ष के सदस्य इस पर माफी मांगने की जरूरत भी नहीं समझ रहे हैं। हंगामे के बीच ही आधे घंटे तक प्रश्नकाल की कार्यवाही चली। दो विधेयक पािरत किये गये।
राज्यसभा में भी हंगामा
विपक्षी दलों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक 2 बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। हंगामे के बीच ही संक्षिप्त चर्चा के बाद फेक्टर विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया गया और नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया गया। हंगामा कर रहे सदस्यों को उपसभापति ने 2 बार कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी। उपसभापति ने कांग्रेस के सदस्य दीपेंद्र हुड्डा को भी चेतावनी दी।
जवाब मांगती रहेगी कांग्रेस
पेगासस जासूसी मामले पर संसद में गतिरोध के बीच कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को फैसला किया कि वह मानसून सत्र के दौरान आगे भी इस मुद्दे को लेकर पीछे नहीं हटेगी और चर्चा कराने एवं गृह मंत्री अमित शाह के जवाब की मांग पुरजोर ढंग से करती रहेगी। सूत्रों के मुताबिक, संसद भवन में पार्टी के संसदीय मामलों के रणनीतिक समूह की बैठक में यह फैसला किया गया। उधर, कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। वह डरी हुई है, कुछ छिपाना चाहती है।’