जयपुर, 8 अगस्त (एजेंसी)
राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी के 12 विधायक गुजरात चले गए हैं। इनमें से 6 विधायक शनिवार को चार्टर विमान से पोरबंदर के लिए रवाना हुए। हालांकि, पार्टी के नेताओं ने अपने विधायकों को किसी एक जगह रखकर ‘बाड़ेबंदी’ करने जैसी किसी स्थिति से इनकार किया है। इससे पहले भाजपा के 12 से अधिक विधायक शुक्रवार को गुजरात गए थे। हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि 6 यात्रियों को लेकर एक चार्टर विमान शनिवार को गुजरात में पोरबंदर के लिए रवाना हुआ। विमान में भाजपा विधायकों निर्मल कुमावत, गोपीचंद मीणा, जब्बार सिंह सांखला, धर्मेंद्र मोची और गुरदीप शाहपीनी के होने की सूचना है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि सभी विधायक एक रिसॉर्ट में रुकेंगे और सोमनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे। इन विधायकों को हवाईअड्डे तक छोड़ने आए विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि वे लोग अपनी मर्जी से तीर्थाटन पर जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘पुलिस और प्रशासन भाजपा के कुछ विधायकों को परेशान कर रहा है… विधायक स्वेच्छा से तीर्थाटन पर गए हैं।’
पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा के 12 विधायक शुक्रवार को अहमदाबाद के पास एक रिसॉर्ट पहुंचे हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी विधायकों को जानकारी है कि जल्द ही विधायक दल की बैठक होने वाली है और सभी उसमें शामिल होंगे।
पूनिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी की मौजूदा सरकार के लोग सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर भाजपा विधायकों के बारे में अफवाह और भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ‘हमारा विधायक दल पूरी तरह से एक है। हमारा किसी पर अविश्वास नहीं है सबलोग एकजुट हैं।’
फोन टैपिंग अफवाह, होगी जांच
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह ने जैसलमेर के एक होटल में ठहरे कांग्रेस के कुछ विधायकों के फोन टैप किए जाने की अफवाह फैलाने के संबंध में साइबर थाने में दर्ज मामले की नियमानुसार जांच करके कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। महानिदेशक ने जयपुर पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव को इस संबंध में जांच तुरंत पूरी करने को कहा है।
राजनाथ से मिलीं वसुंधरा
नयी दिल्ली : राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। समझा जाता है कि दोनों नेताओं के बीच राजस्थान के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई। वसुंधरा की ये मुलाकातें इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती हैं क्योंकि पिछले महीने से शुरू हुए राजनीतिक संकट के दौरान वह जयपुर में हुई भाजपा की बैठकों से अलग रही हैं और उन्होंने पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साधे रखी।