शीत सत्र के पहले दिन गरमाया एसआईआर
संसद के शीतकालीन सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई। मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया। इसके चलते कार्यवाही बाधित रही। लोकसभा की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा से विपक्ष ने वॉकआउट किया। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद ड्रामा करने की नहीं, काम करने की जगह है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने का निर्देश दिया, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों के सदस्य एसआईआर समेत कुछ मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए अपने स्थानों पर खड़े हो गए। बाद में कुछ सदस्य आसन के समीप आ गए। बाद में विपक्षी सदस्यों ने नारे भी लगाए। हंगामे के बीच ही लोकसभा ने ‘मणिपुर माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक’ पारित किया। वित्त मंत्री ने ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन)’ और ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक’ पेश किया।
राज्यसभा में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जोर दिया कि सरकार एसआईआर पर चर्चा के खिलाफ नहीं है, लेकिन उसे जवाब देने के लिए कुछ समय दिया जाए। असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।
यहां नारों नहीं, नीति पर हो जोर : पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि चुनावी हार के बाद विपक्ष संसद को हताशा निकालने का मंच बना रहा है। बिहार चुनावों में विपक्ष की करारी हार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष चुनावी नतीजों से विचलित है और हार को पचा नहीं पा रहा। मोदी ने कहा कि हार अवरोध पैदा करने का आधार नहीं बननी चाहिए और जीत भी अहंकार में नहीं बदलनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, ड्रामा करने की बहुत सी जगह है, जिसे ड्रामा करना है वह कर सकता है। यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए। यहां नारों पर नहीं, नीति पर जोर होना चाहिए।
‘ड्रामा नहीं, जवाबदेही मांग रहा है विपक्ष’
तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि एसआईआर और अन्य मुद्दों पर जवाबदेही की मांग को ड्रामेबाजी कहकर खारिज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी के दौरान लोग लंबी कतारों में खड़े थे। काले धन का प्रवाह बढ़ गया है। जवाबदेही कहां है? विस्फोट हो रहे हैं और आतंकवादी देश में घुस रहे हैं। जवाबदेही कहां है? हम पहलगाम हमले पर, एसआईआर से जुड़ी 40 मौतों पर सवाल उठा रहे हैं और भाजपा सोचती है कि यह ड्रामा है। ’
कुत्ते के साथ पहुंचीं रेणुका चौधरी की विवादित टिप्पणी
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी अपनी कार में एक कुत्ते को लेकर संसद पहुंच गईं, जिससे विवाद खड़ा हो गया। सत्तापक्ष के सांसदों ने उन पर नाटक करने का आरोप लगाया। विवाद के बीच रेणुका ने कहा कि संसद के अंदर बैठे लोग काटते हैं, कुत्ते नहीं।
धनखड़ के इस्तीफे के जिक्र पर सत्तापक्ष ने जताई आपत्ति
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपराष्ट्रपति और उच्च सदन के सभापति सीपी राधाकृष्णन का स्वागत करते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के ‘अप्रत्याशित और अचानक’ इस्तीफे का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनका अचानक पद छोड़ना संसदीय इतिहास में असामान्य घटना है, मुझे निराशा है कि सदन को उन्हें विदाई देने का अवसर नहीं मिला। इस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने विरोध जताया। सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि अगर अप्रासंगिक बातें की जाएंगी तो विपक्ष को यह भी याद होना चाहिए कि उसने पूर्व उपराष्ट्रपति को कैसे अपमानित किया था और उनके खिलाफ दो-दो बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
