मुंबई, 22 जून (एजेंसी)
सूरत के बाद गुवाहाटी में डेरा डाले हुए शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उन्हें अपनी पार्टी के 34 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने बुधवार शाम को एक प्रस्ताव पारित कर खुद को शिवसेना विधायक दल का नेता घोषित किया। गौर हो कि मंगलवार को शिवसेना ने उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया था। शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही खेमे द्वारा पारित प्रस्ताव में शिवसेना विधायक भरत गोगावाले को पार्टी का नया मुख्य सचेतक नामित किया गया है और मौजूदा सुनील प्रभु को पद से हटा दिया गया है। दोपहर के समय शिंदे द्वारा जारी किए गए पत्र पर शिवसेना के 34 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। इससे पहले दिन में, प्रभु ने एक पत्र जारी कर शिंदे के साथ आए बागियों समेत शिवसेना के सभी विधायकों को शाम पांच बजे मुंबई में विधायक दल की बैठक में शामिल होने या दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई का सामना करने को कहा था। शिंदे खेमे द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि 2019 के महाराष्ट्र चुनाव के बाद भाजपा से नाता तोड़ने के शिवसेना नेतृत्व के फैसले का पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं पर ‘नकारात्मक’ प्रभाव पड़ा।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 55 विधायक हैं। दल-बदल विरोधी कानून के प्रावधानों के अनुसार, विलय के लिए किसी विधायक दल के दो-तिहाई सदस्यों की सहमति की आवश्यकता होती है, जिन्होंने किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ विलय करने की सहमति दी हो। अयोग्यता से बचने के लिए शिंदे को 37 विधायकों (55 विधायकों में से दो तिहाई) का समर्थन सुनिश्चित करना होगा। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि ‘वैचारिक रूप से विपरीत’ राकांपा और कांग्रेस के साथ एमवीए सरकार बनाते समय शिवसेना की हिंदुत्व की मूल विचारधारा और ‘मराठी मानुष’ के अधिकारों की रक्षा के साथ समझौता किया गया था। शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने महा विकास अघाड़ी को ‘भ्रष्ट सरकार’ करार दिया।
उद्धव ने छोड़ा सरकारी आवास
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अपील काम नहीं आई। कोरोना संक्रमित उद्धव ने 17 मिनट लंबे वेबकास्ट में कहा, ‘सूरत और अन्य जगहों से बयान क्यों दे रहे हैं? मेरे सामने आकर मुझसे कह दें कि मैं मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के पदों को संभालने में सक्षम नहीं हूं। मैं तत्काल इस्तीफा दे दूंगा। मैं अपना इस्तीफा तैयार रखूंगा और आप आकर उसे राजभवन ले जा सकते हैं।’ इस अपील का भी कोई असर नहीं पड़ा और उन्होंने देर शाम मुंबई स्थित मुख्यमंत्री का सरकारी आवास छोड़ा तथा उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने परिवारिक बंगले मातोश्री के लिए रवाना हुए। इससे पहले राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शिंदे को सीएम बनाने की पेशकश की थी।