नयी दिल्ली, 20 सितंबर (एजेंसी)
कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को आरोप लगाया कि नये संसद भवन के उद्घाटन के दिन सांसदों को दी गई संविधान की प्रति में प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द गायब थे। लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह आरोप लगाया। इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘(सांसदों को दी गई संविधान की प्रति की) प्रस्तावना में यह (धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द) नहीं था।’
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रति में संविधान की प्रस्तावना का मूल संस्करण था और ये शब्द बाद में संवैधानिक संशोधनों के बाद इसमें जोड़े गए थे। उन्होंने कहा, ‘यह मूल प्रस्तावना के अनुसार है। संशोधन बाद में किए गए।’ मामले को गंभीर करार देते हुए चौधरी ने कहा, ‘संविधान की प्रस्तावना की जो प्रति हम नये भवन में ले गए, उसमें धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द शामिल नहीं हैं। उन्हें चतुराई से हटा दिया गया है… यह एक गंभीर मामला है और हम इस मुद्दे को उठाएंगे।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें यह पता है कि ये शब्द बाद में 1976 में संविधान में जोड़े गए थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह एक गंभीर मुद्दा है। मुझे उनकी मंशा पर संदेह है, क्योंकि इस पर उनका दिल साफ नहीं लगता।’ लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने यह भी कहा कि अगर कोई आज संविधान की प्रति देता है, तो वह आज का संस्करण होना चाहिए। भाकपा नेता विनय विश्वम ने शब्दों को कथित तौर पर हटाए जाने को ‘अपराध’ करार दिया।