श्रीहरिकोटा, 7 अगस्त (एजेंसी)
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के इतिहास रचने की कोशिश को रविवार को बड़ा झटका लगा। उसका पहला लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) मिशन सफल नहीं हो पाया। इसरो ने कहा कि एसएसएलवी-डी1 ने उपग्रहों को वृत्ताकार कक्षा के बजाय अंडाकार कक्षा में पहुंचा दिया, जिसके बाद ये उपग्रह उपयोग के योग्य नहीं रहे। इससे पहले एजेंसी ने कहा कि यह टर्मिनल चरण में ‘डेटा लॉस’ (सूचनाओं की हानि) का शिकार हो गया। हालांकि, बाकी के तीन चरणों में प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप रहा। अंतरिक्ष में एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह और छात्रों द्वारा विकसित एक उपग्रह को स्थापित करने के अभियान में एसएसएलवी-डी1/ईओएस-02 ने रविवार सुबह आसमान में बादल छाए रहने के बीच सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 9 बजकर 18 मिनट पर उड़ान भरी। अभियान नियंत्रण केंद्र में वैज्ञानिकों ने उड़ान के तुरंत बाद रॉकेट की स्थिति की जानकारियां दीं। मीडिया केंद्र में स्क्रीन पर उपग्रह को अपने प्रक्षेपण पथ पर जाते हुए देखा गया। हालांकि, इसके बाद अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने ‘डेटा लॉस’ की जानकारी दी। सोमनाथ ने श्रीहरिकोटा में प्रक्षेपण के कुछ मिनटों बाद कहा, ‘सभी चरणों ने उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन किया। पहले, दूसरे और तीसरे चरण ने अपना-अपना काम किया, पर टर्मिनल चरण में कुछ डेटा लॉस हुआ और हम आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं।’