चंडीगढ़, 14 सितंबर (ट्रिन्यू)
दिल्ली बाॅर्डर पर करीब 10 महीने से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। दर्जनों की संख्या में पहुंची शिकायतों पर एक्शन लेते हुए आयोग ने केंद्र सरकार के अलावा 4 राज्यों– हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान सरकार के मुख्य सचिवों व डीजीपी को नोटिस जारी कर 10 अक्तूबर तक जवाब तलब किया है। आयोग की ओर से भेजे नोटिस के अनुसार ऐसी शिकायतें हैं कि किसान आंदोलन की वजह से संबंधित एरिया में छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों पर विपरित असर पड़ा है। रास्ते बंद होने की वजह से कच्चे माल और तैयार माल की आवाजाही में परेशानी हो रही है। दैनिक यात्रियों को भी लंबा सफर तय करना पड़ रहा है। इसके अलावा आंदोलन स्थल पर कोरोना संबंधी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का भी आरोप है। आयोग ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क से अनुराध किया है कि वह सर्वेक्षण के लिए टीमों का गठन करे। किसानों के आंदोलन की वजह से लोगों की आजीविका, लोगों के रहन-सहन, वृद्ध व कमजोर व्यक्तियों पर पड़ रहे प्रभाव का आकलन करके रिपोर्ट दे।
गैंगरेप मामले में झज्जर डीएम को रिमाइंडर
टीकरी बाॅर्डर पर एक महिला के साथ कथित गैंगरेप के मामले में मानवाधिकार आयोग ने झज्जर के डीएम (डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट) को रिमाइंडर भेजा है। झज्जर के डीसी को भेजे गए नोटिस का जवाब नहीं मिलने के बाद आयोग ने यह कार्रवाई की है। डीएम को 10 अक्तूबर तक रिपोर्ट देनी होगी।