
अहमदाबाद, 31 जनवरी (एजेंसी)
गांधीनगर की एक अदालत ने मंगलवार को स्वयंभू बाबा आसाराम को 2013 में एक पूर्व शिष्या द्वारा दायर बलात्कार के मामले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष ने आसाराम को ‘आदतन अपराधी’ बताते हुए सख्त सजा की मांग की थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीके सोनी ने आसाराम पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माने से प्राप्त राशि पीड़िता को दी जाएगी। वहीं, बचाव पक्ष ने कहा कि वह इस फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती देगा। वर्तमान में जोधपुर जेल में बंद 81 वर्षीय आसाराम 2013 में राजस्थान में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
मंगलवार को गांधीनगर की अदालत में आसाराम की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत पेशी हुई और इस दौरान न्यायाधीश ने फैसला सुनाया।
एक दिन पहले अदालत ने आसाराम को सूरत की महिला शिष्या के साथ वर्ष 2001 से वर्ष 2006 के बीच कई बार दुष्कर्म करने के आरोप में वर्ष 2013 में दर्ज मामले में दोषी करार दिया था। महिला शिष्या के साथ दुष्कर्म की घटना तब हुई थी जब वह आसाराम के अहमदाबाद के मोंटेरा आश्रम में रह रही थी। अभियोजन पक्ष ने बताया कि अपराध में साथ देने और उकसाने के मामले में अदालत ने आसाराम की पत्नी, उसकी बेटी और चार अन्य शिष्यों सहित कुछ 6 लोगों को सबूतों के अभाव में आरोप मुक्त कर दिया। पूरे मामले की सुनवाई बंद कमरे में हुई।
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