अनिल शर्मा/निस
रोहतक, 7 फरवरी
साध्वी यौन शोषण मामले में सुनारियां जेल में बीस साल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को हरियाणा प्रदेश जेल विभाग ने 21 दिन की फर्लो दी है। जेल विभाग ने विशेष एडवाइजरी भी जारी की है, जिसके तहत डेरा प्रमुख पुलिस की निगरानी में रहेगा। डेरा सच्चा सौदा सिरसा जाने की बजाय राम रहीम गुरुग्राम स्थित अपने आश्रम में रहेगा, हालांकि उसे प्रदेश में कहीं पर जाने की इजाजत रहेगी। राम रहीम को लेने के लिए दोपहर को उनके परिवार के सदस्य व डेरे के अधिकारी पहुंचे और उसके बाद पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच वह गुरुग्राम चला गया।
बताया जा रहा है कि फर्लो के लिए राम रहीम की अर्जी पहले 6 बार खारिज की जा चुकी थी। इसके मंजूर होने का पता चलने पर डेरा प्रमुख के परिजन सिरसा से सुनारियां जेल पहुंचे और दोपहर बाद कागजी कारवाई के बाद राम रहीम के साथ गुरुग्राम चले गए। राम रहीम के बेटे जसमीत इन्सां, बेटियां अमरप्रीत व चरणप्रीत सुनारियां पहुंचे थे। जेल की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस तैनात थी।
चुनाव को देखते फर्लो की चर्चा : डेरा प्रमुख को 21 दिन की फर्लो दिये जाने को लेकर चर्चा शुरू हो गई है और चर्चा है कि पंजाब व यूपी के चुनाव को देखते हुए राम रहीम को फर्लो दी गई है। पंजाब में तो 69 सीटों पर सीधे-सीधे डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव बताया जा रहा है। जबकि जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का कहना है कि राम रहीम को नियमानुसार फर्लो दी गई है।
हनीप्रीत की गाड़ी में नहीं बैठा
राम रहीम : डेरा प्रमुख राम रहीम को फर्लो मिलने के बाद उसके बेटे-बेटियों के अलावा एक गाड़ी में मुंहबोली बेटी हनीप्रीत भी सुनारियां जेल पहुंची, लेकिन राम रहीम जेल से निकलने के बाद परिवार के सदस्यों के साथ उनकी गाड़ी में सवार हुआ और गुरुग्राम चला गया। बताया जा रहा है कि हनीप्रीत की गाड़ी भी गुरुग्राम गयी है।
फर्लो पर जाना कैदी का अधिकार : सीएम
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सरकारी सिस्टम व कानूनी प्रक्रियाएं देश के संविधान के हिसाब से चलती हैं। किसी व्यक्ति को फर्लो देना एक प्रकार से कानूनी व प्रशासनिक प्रक्रिया है। फर्लो पर जाना कैदी का अधिकार है। गुरमीत राम रहीम को मिली तीन सप्ताह की फर्लो को चुनावों से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। जो कैदी 3 साल की अवधि पूरा कर लेता है, वह फर्लो के लिए आवेदन कर सकता है। इसके बाद सामान्य प्रशासन और जेल प्रशासन अंतिम फैसला करते हैं। यह एक प्रकार से नियमित प्रक्रिया है।